ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि भारत की गृह स्थिति सही नहीं है। भारत की कुंडली वृष लग्न है। कुंडली में राहू है और जन्म राशि कर्क है। सूर्य, शुक्र और चंद्रमा तीसरे भाव में हैं। कर्क राशि में राहू चल रहा है। भारत की कुंडली वृष लग्न राहू, कुटुम्ब भाव में मंगल, तृतीय भाव में सूर्य बुध, शुक्र शनि और चंद्र हैं। छठे भाव में गुरु है। गुरु कुटुम्ब के घर को देख रहा है, इसलिए भी दुर्घटनाएं हो रही हैं। सप्तम घर में केतु है। 2 मई से मंगल आ गया केतु के साथ और चंद्रमा पहले से ही चल रहा है। केतु कन्यूज करता है, इसलिए ये तूफान आ रहा है। राहू वायु का कारक है और केतु दुर्घटना कराता है, अचानक घटना घटतीं हैं, चंद्रमा केतु के साथ चल रहा है। इस पर राहू की दृष्टि है। चंद्रमा गतिशील है, जिसके चलते कई राज्यों में एक साथ तूफान आंधी आ रही है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भारत की जन्म कुंडली में काल सर्प दोष है, इसलिए भारत में उत्पात मचे रहते हैं। महादशा की बात करें तो चंद्र की महादशा में राहू का 12 फरवरी 2017 से प्रयतंत्र चल रहा है। जो 12 अगस्त 2018 तक चलेगा। इसीलिए ये आपदाएं आ रही हैं। राहू में सूर्य चल रहा है, इसलिए जनहांनि हो रही है। उन्होंने बताया कि चंद्रमा मकर राशि में 6 मई को सुबह 8.20 मिनट पर आ गया, ये रहेगा 8 तारीख को 8.59 मिनट तक रहेगा। ये समय संकट भरा रहेगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि तूफान के प्रभाव को कम करने के लिए जो पर्यावरण से छेड़छाड़ की है, उसके लिए महाकाल से माफी मांगे। महा मृत्युंजय मंत्र और राहू मंत्र, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा गायत्री मंत्र का जाप करें, उससे लाभ मिलेगा।