राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वक्ताओं ने कहा कि रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के प्रयासों से तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा फरवरी 2014 में यूपी समेत नौ राज्यों के जाट समाज को केंद्रीय सेवाओं में दिया गया। आरक्षण केंद्र की मौजूदा सरकार की लचर पैरवी के कारण सुप्रीम कोर्ट से निरस्त हो गया। इसकी बहाली के लिए 25 मार्च 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने आवास पर जाट समाज के सांसदों व जाट महासभा के प्रमुख पदाधिकारियों को यूपी विधान सभा चुनाव से पहले अध्यादेश लाकर आरक्षण बहाली का आश्वासन दिया था। यह वायदा आज तक पूरा नहीं हुआ है। आरक्षण बहाली की लड़ाई लड़ने के लिए केंद्रीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का गठन किया गया।
इसके संयोजक जाट महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलराज सिंह एडवोकेट बनाए गए हैं। सह संयोजक युवा जाट महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कप्तान सिंह चाहर होंगे। एक सप्ताह में केन्द्रीय संरक्षक मंडल व संघर्ष समिति को विस्तार किया जाएगा। आंदोलन के तहत पहले ब्लॉक स्तर पर वृहद बैठकें और फिर जनपद में विशाल जनसभा कर आरक्षण बहाली की जोरदार मांग की जाएगी। बैठक में साहब सिंह चाहर, चौधरी गोपीचंद, भरत सिंह सोलंकी, लखपति सिंह चाहर, ओपी वर्मा, सुरेन्द्र सिंह रावत, गुलवीर सिंह, सुनीता सिंह व अनीता सिंह, दिनेश चाहर, अरविंद चाहर, जगवीर सिंह, जय प्रकाश चाहर, होशियार सिंह, जीतू जाट, विक्रम यादव, जितेन्द्र सिंह प्रधान ने विचार व्यक्त किए। संचालन कप्तान सिंह चाहर ने किया।