फिलहाल सुपर टाइफून तूफान की गति 200 किमी प्रति घंटे से अधिक है और यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि यह तूफान शुक्रवार को दूसरी बार जमीन से टकराएगा। यह पिछले 10 वर्षों में हैनान में आने वाला सबसे शक्तिशाली तूफान हो सकता है। उन्होंने बताया कि हांगकांग वेधशाला के अनुसार सुपर टाइफून तूफान की अधिकतम हवाओं की गति 210 किमी प्रति घंटे है। शुक्रवार सुबह यह हांगकांग से लगभग 300 किमी दक्षिण-पश्चिम से होकर गुजरेगा। इसके चलते दक्षिणी चीन के कुछ हिस्सों में
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए स्कूल और काम बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि टाइफून यागी एक दशक में सबसे शक्तिशाली तूफान माना जा रहा है।
यूपी में सुपर टाइफून यागी तूफान का क्या होगा असर?
उत्तर प्रदेश में सुपर टाइफून यागी तूफान के असर के बारे में बातचीत करने पर डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि यूपी में इसके असर से बादल छा सकते हैं। इसके साथ ही कहीं-कहीं बूंदाबांदी और बारिश भी हो सकती है। अगर इस तूफान ने पश्चिम बंगाल को प्रभावित किया तो उत्तर प्रदेश में हवाओं की रफ्तार बढ़ सकती है।
यूपी की मौजूदा मौसम प्रणाली क्या है?
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अगले पांच दिन यानी 6 से 11 सितंबर तक बादल छाए रहेंगे। इस दौरान तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ कहीं हल्की तो कहीं झमाझम बारिश हो सकती है। उन्होंने बताया कि इस दौरान एटा, कासगंज, उन्नाव, कन्नौज, हरदोई, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, बरेली, अलीगढ़, बदायूं, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, संभल, हापुड़, अमरोहा और इसके आसपास मेघगर्जन और वज्रपात संग झमाझम बारिश की संभावना है। इसके अलावा कानपुर नगर, इटावा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, हाथरस, मथुरा, कानपुर देहात, औरैया, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, बरेली, पीलीभीत, रामपुर, बदायूं, गाजियाबाद, मुरादाबाद, मेरठ और इसके आसपास के क्षेत्रों में बारिश, तेज हवाओं संग आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है।
देश भर में क्या है मौजूदा मौसम प्रणाली?
डॉ. एसएन सुनील पांडेय की मानें तो मौजूदा समय में कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट पर है। जबकि मानसून ट्रफ अब बीकानेर, कोटा, गुना, जबलपुर, कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र से होकर दक्षिण-पूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य भाग की ओर जा रही है। इसके अलावा जम्मू और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। पूर्वोत्तर राजस्थान के ऊपर भी एक चक्रवाती परिसंचरण बना है। जो दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका है। एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी बांग्लादेश के ऊपर बना है। इसके अलावा एक और चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर बना हुआ है। यह सब मौसम गतिविधियां बारिश और बादलों में बढ़ोतरी करेंगी।