अभी हाल ही में जिले के बरौली अहीर ब्लॉक के छोटा उखर्रा गांव की एक तीन माह की बच्ची की सर्जरी सारस्वत अस्पताल में की गयी। बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है और अपने परिवार के साथ खुश है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार वत्स ने बताया कि आरबीएसके की टीम 37 प्रकार की जन्मजात बीमारियों से ग्रसित बच्चों का निःशुल्क इलाज कराती है। टीम आंगनबाड़ी केन्द्रों और सरकारी स्कूलों में भम्रण कर बच्चों की स्क्रीनिंग करती है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम में तैनात डॉ. आशीष बिसारिया ने बताया कि बच्ची का जन्म सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बरौली अहीर ब्लॉक पर हुआ था। बच्ची के जन्म के समय से ही उसके होंठ कटे हुए थे। लेकिन उस समय बच्ची का ऑपरेशन नहीं किया जा सकता था, क्योंकि बच्ची बहुत छोटी थी। बच्ची को रेफरल कार्ड में अंकित कर तीन माह का इंतजार किया गया। जब बच्ची तीन माह की हो गयी, तो उसे स्माइल ट्रेन इण्डिया संस्था के मैनेजर चन्द्रपाल यादव की मदद से जिले के सारस्वत हास्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी सर्जरी की गयी। बच्ची का आपरेशन करने वाले डॉ. सत्या सारस्वत ने बताया कि ऐसे बच्चे जो इस तरह के जन्मजात रोगों से पीड़ित होते हैं, वह समाज की मुख्यधारा से भी कट जाते हैं। उनको खाने और पीने में और बोलने में भी काफी परेशानी होती है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर रमाकान्त ने बताया कि टीम के द्वारा साल में दो बार आंगनबाड़ी केन्द्रों और एक बार सरकारी स्कूलों में कैम्प लगाकर बच्चों की जांच करती है। जांच के दौरान जो बच्चे ऐसी बीमारियों से ग्रसित पाये जाते हैं, उन्हें इलाज के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि योजना के माध्यम से 18 साल तक के बच्चों का 37 तरह की बीमारियां जिनमें कटे होंठ, कटे तालू, टेढे़ पैर, न्यूरल टयूब डिफेक्ट, जन्मजात बहरापन, मोतियाबिन्द इत्यादि का निःशुल्क इलाज कराया जाता है। आंगनबाड़ी केन्द्र से इस बारे में विस्तृत जानकारी की जा सकती है।