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क्या है इतिहास
महाराष्ट्र पुलिस में प्रदीप शर्मा को सब एककाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से जाना जाता है। एक गैंग के सफाये के आरोप पर उन्हें महाराष्ट्र पुलिस से बर्खास्त भी किया जा चुका है। बाद में जीत उन्हीं की हुई। कोर्ट के आदेश पर उन्हें फिर से पुलिस विभाग में लिया गया। प्रदीप शर्मा और उनके सहयोगियों की हिरासत में 2003 में एक संदिग्ध आतंकवादी ख्वाजा यूनुस की मौत हो गई, जिसके बाद उन्हें अमरावती ट्रांसफर कर दिया गया था। सितंबर 2017 में फरार माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर के छोटे भाई इकबाल को गिरफ्तार कर मुंबई व ठाणे में जबरन वसूली के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया था।
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स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली
पिछले माह की नौ तारीख को प्रदीप शर्मा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। धुले (महाराष्ट्र) में बसे 59 वर्षीय प्रदीप शर्मा की महाराष्ट्र पुलिस में सेवा मई 2020 तक थी। अब उन्होंने राजनीति में कदम रखा है। शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर वे क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगे। अब तक खूंखार अपराधियों का सफाया करते रहे हैं।
लीडर्स आगरा (Leaders Agra) के महामंत्री और पूर्व पार्षद सुनील जैन (Sunil jain) का कहना है कि मुम्बई को गुंडों से निजात दिलाने वाले प्रदीप शर्मा ने आगरा का नाम रोशन किया है। अब बारी है आगरा के लोगों की। नाला सोपारा निर्वाचन क्षेत्र में अपने मिलने वालों को उन्हें भारी समर्थन देने को कहें। लीडर्स आगरा उन्हें पूर्व में प्राइड ऑफ आगरा से सम्मानित कर चुकी है। लीडर्स आगरा की टीम चुनाव प्रचार में लगेगी। उन्होंने कहा कि मुंबई में आगरा और उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। उनका सबका समर्थन प्रदीप शर्मा को मिलेगा। आगरा से बड़ी संख्या में लोग प्रदीप शर्मा के लिए चुनाव करने मुंबई जाएंगे।