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आगरा

भारत के तकनीक और विज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक छू भी नहीं पाए

डाॅ. एमपीएस काॅलेज आॅफ बिजनेस स्टडीज में हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

आगराFeb 16, 2018 / 07:04 pm

अभिषेक सक्सेना

dr mps
गरा। डॉ. एमपीएस ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा जेपी सभागार, विश्वविद्यालय खंदारी परिसर में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय कंटेंम्प्लेशन आॅफ ‘कंट्रीब्यूशन आॅफ एनशिऐंट इण्डिया साइंटिफिक टेंपरामेंट टू माॅर्डन साइंस’ रहा। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. बी आर अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित, जोनपुर युनिवर्सिटी के एक्स वाइस चांसलर प्रो. सुंदर लाल, मनकामेश्वर मंदिर महंत योगेश पुरी, आरबीएस काॅलेज से डॉ. रामवीर सिंह, डॉ. एमपीएस ग्रुप के चैयरपर्सन स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह और को चैयरपर्सन नीलम सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
सेमिनार में बताया छात्रों को भारत का इतिहास
वक्ताओं ने कंटेंम्प्लेशन आॅफ ‘कंट्रीब्यूशन आॅफ एनशिऐंट इण्डिया साइंटिफिक टेंपरामेंट टू माॅर्डन साइंस’ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। विषय का परिचय कराते हुए डॉ. ए के जैन ने कंटेंम्प्लेशन आॅफ ‘कंट्रीब्यूशन आॅफ एनशिऐंट इण्डिया साइंटिफिक टेंपरामेंट टू माॅर्डन साइंस’ का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने संगोष्ठी में होने वाली गतिविधियों से रूबरू कराते हुए आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में प्राचीन भारत के योगदान एवं आधुनिक युग को मिली प्रेरणा के बारे में चर्चा की। डॉ. एम.पी.एस. ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरपर्सन स्क्वाड्रन लीडर ए के सिंह एवं को चैयरपर्सन नीलम सिंह ने मुख्य अतिथि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अरविंद कुमार दीक्षित का स्वागत करते हुए उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट किया साथ ही मुख्य वक्ताओं एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया गया। नीलम सिंह ने विषय संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करते हुए संगोष्ठी आरंभ करने की औपचारिक घोषणा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.अरविंद कुमार दीक्षित ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अपने विचार प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में विज्ञान का भंडार था एवं जो तकनीक एवं विज्ञान उस समय भारत के पास था वह आज तक आधुनिक वैज्ञानिक छू भी नहीं पाए हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति का हर एक पहलू अपने आप में अनूठा है एवं प्रेरणादायक है। आज के आधुनिक युग में छात्रों एवं युवाओं को अपनी संस्कृति को समझते हुए उसे आधुनिक रूप में इस्तेमाल करना आना चाहिए। प्रमुख वक्ता के रूप में आये जोनपुर से आये शिक्षाविद प्रो. सुंदर लाल ने सेमिनार के विषय पर विस्तार में प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारत में विकासशील से विकसित देशों की श्रेणी में आने की पूरी काबिलियत है। उन्होंने भागवत गीता एवं रामायण के कुछ अदभुत उदाहरण देते हुए भारत के प्राचीन विज्ञान एवं तकनीक के किस्से सुनाये।
भारतीय संस्कृति की घटना से जुड़ी है वैज्ञानिक तकनीकि
मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेश पुरी ने प्राचीन भारत एवं धर्म में छुपी हुई विशेषताओं एवं ज्ञान के सागर पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारतीय संस्कृति से जुड़ी छोटी से छोटी प्रथा, धारणा अथवा गतिविधि में कोई ना कोई वैज्ञानिक तथा तकनीकि स्त्रोत जुड़ा होता है। तमाम ऐसी खोज हैं जो कि भारतीय वैज्ञानिक सदियों पहले कर चुके हैं परन्तु आधुनिक युग अभी तक उनसे अनजाना है। डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकारी डॉ. रामवीर सिंह चौहान ने मंच संभालते हुए शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन भारत के योगदान पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति हुनर एवं तकनीकि ज्ञान पर आधारित थी परन्तु बीच में वैश्विकरण के चलते इसमें बदलाव हुए। अब समय आ गया है कि युवाओं को तकनीकि ज्ञान एवं अपने क्षेत्र में हुनर से लबरेज होना पड़ेगा। डॉ. एमपीएस ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरपर्सन स्क्वाड्रन लीडर एके सिंह ने विषय पर चर्चा करते हुए प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां की संस्कृति ने सदैव ही विश्व का कल्याण किया है। यहां के गुरुओं एवं वैज्ञानिकों ने ऐसी-ऐसी खोज सदियों पहले कर डालीं, जिन्हें आज तक कोई भेद भी नहीं पाया। संगोष्ठी का उद्देश्य बताते हुए उन्होंने बताया कि छात्रों के लिए इस प्रकार के आयोजन अत्यन्त लाभकारी होते हैं तथा उनमें तकनीकि एवं व्यक्तित्व विकास उत्पन्न होता है। निदेशक डॉ. राजीव रतन ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए सभी गणमान्य अतिथियों का स्मृति चिन्ह से अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि डॉ. एमपीएस ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशंस प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करता है एवं इस बार जो वक्ता संगोष्ठी में भाग लेने आये हैं वह देश के सर्वोत्तम वक्ताओं में से हैं। विभिन्न संस्थानों के शिक्षक एवं छात्रों ने अपनी-अपनी प्रजेंटेशन प्रस्तुत की। टेक्नीकल सेशन को आगे बढ़ाते हुए डॉ. एमपीएस काॅलेज आॅफ बिजनेस स्टडीज के छात्रों द्वारा पेपर प्रजेंट किया गया।

ये रहे मौजूद
कार्यक्रम का संचालन डॉ. एमपीएस ग्रुप के डीन काॅरपोरेट पियूष अग्रवाल ने किया। संगोष्ठी के दौरान निदेशक डॉ. राजीव रतन, चीफ एडवाइजर कर्नल सी के सिंह, डीन डॉ. एके गोयल, प्राचार्य डॉ. उदित जैन, डॉ. एके जैन, डॉ. एमपीएस वल्र्ड स्कूल के प्रधानाचार्य चाल्र्स क्लेरेंस आदि मौजूद रहे।

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