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आगरा

चामुंडा मंदिर विवाद: डीआरएम कार्यालय के बाहर हनुमान चालीसा पढऩे पहुंचे हिंदूवादी संगठन, की नारेबाजी

रेलवे ने 12 अप्रैल को मंदिर को हटाने के लिए एक नोटिस चस्पा किया था और 10 दिन का समय दिया था। नोटिस में कहा गया था कि रेलवे स्टेशन राजा की मंडी के प्लेटफार्म नंबर 1 से मंदिर को हटा लिया जाए नहीं तो रेलवे प्राचीन चामुंडा मंदिर को हटाने का कार्य करेगा।

आगराApr 29, 2022 / 03:48 pm

Jyoti Singh

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राजा मंडी रेलवे स्टेशन पर चामुंडा माता मंदिर हटाने को लेकर मामला गर्माता जा रहा है। अब हिंदूवादी संगठन के लोगों ने मंदिर को लेकर डीआरएम कार्यालय पर एकत्रित होकर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने दो टूक शब्दों में कहा कि रेलवे की पटरी तो हट सकती हैं लेकिन मंदिर नहीं। कार्यकर्ता शुक्रवार सुबह लगभग 11:00 बजे डीआरएम कार्यालय पहुंच गए। जय श्रीराम के नारे लगाते हुए सभी ने डीआरएम कार्यालय में प्रवेश किया और परिसर में ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। देखते ही देखते मामले ने तूल पकड़ लिया। उधर, हिंदू वादियों के प्रदर्शन की सूचना पर क्षेत्रीय पुलिस के साथ-साथ आरपीएफ और जीआरपी भी डीआरएम कार्यालय में मौजूद रही।
डीआरएम से की बात

बता दें, हिंदू वादियों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर आरपीएफ के आला अधिकारियों ने एक प्रतिनिधि मंडल डीआरएम आनंद स्वरूप से मिलवाने की बात कही तो सभी हिंदू वादी और ज्यादा आक्रोशित हो उठे। कार्यकर्ता डीआरएम को नीचे आने की जिद पर अड़ गए। जिसके बाद प्रेम आनंद स्वरूप को नीचे आना पड़ा और विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के पदाधिकारियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसके बाद डीआरएम ने विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के प्रतिनिधि मंडल को बुलाया और उनके साथ बैठकर वार्ता भी की। इस पूरे मामले पर आपसी सहमति से कैसे विवाद को निपटाया जा सकता है, इस पर चर्चा की गई।
मंदिर हटाने के लिए चस्पा किया था नोटिस

बता दें आगरा के राजा मंडी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर चामुंडा देवी मंदिर स्थित है। यह मंदिर करीब ढाई सौ से 300 साल पुराना बताया जाता है। रेलवे ने 12 अप्रैल को मंदिर को हटाने के लिए एक नोटिस चस्पा किया था और 10 दिन का समय दिया था। नोटिस में कहा गया था कि रेलवे स्टेशन राजा की मंडी के प्लेटफार्म नंबर 1 से मंदिर को हटा लिया जाए नहीं तो रेलवे प्राचीन चामुंडा मंदिर को हटाने का कार्य करेगा। नोटिस के 10 दिन बीत जाने के बाद आगरा डीआरएम ने कहा कि मंदिर इस बार हटकर ही रहेगा। इसके बाद सियासत तेज हो गई है।
चामुंडा मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र

उधर, चामुंडा मंदिर के महंत वीरेंद्र गिरी ने कहा कि जब डीआरएम आगरा पैदा भी नहीं हुए थे तब से यह मंदिर है। उन्होंने कहा कि इस मंदिर को गली-कूचा न समझें। मंदिर में कई चमत्कार हुए हैं, इसलिए यह लोगों की आस्था का केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि इनसे पहले भी अधिकारी चामुंडा मंदिर को हटाने के लिए आ चुके हैं और आज जाकर देखिए उन अधिकारियों की तस्वीरों पर माला लटकी हुई है। इस मंदिर में माता की शक्ति को कम समझने की कोशिश न करें।
हिंदू संगठन ने की प्रेस वार्ता

उधर, मंदिर हटाने के मामले को लेकर गुरुवार को हिंदू कल्याण महासभा, हिंदू जागरण मंच और राष्ट्रीय हिंदू परिषद व जनसत्ता दल द्वारा संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता की थी। जिसमें हिंदू जागरण मंच के प्रदेश महामंत्री डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि अगर रेलवे ने चामुंडा देवी मंदिर को हटाने का प्रयास किया तो इसका भीषण अंजाम उन्हें भुगतना होगा। उन्होंने कहा था कि रेलवे को सिर्फ मंदिर ही अतिक्रमण के रूप में क्यों दिखाई दिया? मंदिर को हटने से रोकने के लिए उग्र आंदोलन होगा। फिर भी नहीं माने तो ट्रेन के नीचे जान देंगे। हिंदू वादी संगठनों ने कहा था कि डीआरएम चामुंडा देवी मंदिर आएं, तभी उनसे बात की जाएगी। प्रेस वार्ता के दौरान मंदिर के महंत वीरेंद्र गिरी भी मौजूद रहे थे।

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