आगरा

1 जुलाई से कानून में बड़ा बदलाव, बदल जाएंगी दुष्कर्म, हत्या और डकैती की धाराएं

Law New Rules: IPC की जगह अब BNS और CRPC की जगह BNSS लेगी। एक जुलाई से लागू हो रहे नए कानूनों को लेकर सभी थानों के मुख्य आरक्षियों को प्रशिक्षण दिया गया।

आगराJun 12, 2024 / 11:59 am

Sanjana Singh

Law New Rules

Law New Rules: एक जुलाई से तीन नए कानून लागू हो जाएंगे। भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) लेगी। भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और इंडियन एविडेंस एक्ट (IEA) की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लेगी। नए कानूनों में दुष्कर्म, हत्या और डकैती की धाराएं बदल जाएंगी।

83 अपराधों में बढ़ाई गई जुर्माना राशि 

यूपी के आगरा कमिश्नरेट में सभी आरक्षी और मुख्य आरक्षियों को कार्यशाला में संयुक्त निदेशक अभियोजन विनोद कुमार मिश्रा, एसपीओ बृजमोहन सिंह और पीओ राजेश कुमार,रितेश कुमार ने प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि IPC में 23 अध्याय और 511 धाराएं थीं। BNS में 20 अध्याय और 358 धाराएं हैं, जिसमें 33 धाराओं में कारावास की अवधि बढ़ाई गई है। 83 अपराधों में जुर्माना राशि बढ़ाई है। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया कि IPC की धारा 323 अब 115 (2) कहलाएगी। तेजाब हमला 326 ए की जगह 124 (1) और दुष्कर्म की धारा 376 की जगह धारा 64 होगी हत्या की धारा 302 की जगह धारा 103, चोरी की धारा 378 की जगह 303 (1) होगी। डकैती की धारा 395 की जगह अब धारा 310 (2) में केस दर्ज होंगे धोखाधड़ी की धारा 420 की जगह 318 (4) अमल में आएगी।
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सात साल से अधिक सजा के अपराध में फोरेंसिक जांच अनिवार्य

CRPC की जगह BNSS को लागू किया जा रहा है। CRPC में 37 अध्याय और 484 धाराएं थीं। BNSS में 39 अध्याय और 531 धाराएं होंगी। धारा 154 के तहत एफआईआर अब धारा 173 में होगी। जीरो एफआईआर और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी एफआईआर कराई जा सकेगी। सात साल से अधिक उम्र के अपराध में फोरेंसिक जांच जरूरी होगी। गंभीर मामलों की विवेचना एसीपी और डीएसपी से कराई जा सकेगी। पोक्सो की विवेचना 2 महीने में पूर्ण करनी होगी। 3 साल से कम सजा वाले अपराध में गिरफ्तारी के लिए एसीपी से अनुमति लेनी होगी।

फोटो, वीडियो, मैसेज बनेंगे अहम साक्ष्य

इंडियन एविडेंस एक्ट (IEA) 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 लागू होगा। IEA में 11 अध्याय और 167 धाराएं थीं। BSA में 12 अध्याय और 170 धाराएं हैं। मृत्यु पूर्व बयान की धारा 32 को अब धारा 26 के नाम से जाना जाएगा। BSA में फोटो, वीडियो, मैसेज भी अहम साक्ष्य बनेंगे। साथ ही, डॉक्टर, पुलिस और अन्य गवाहों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से गवाही हो सकेगी। नए कानून में दंड की जगह न्याय पर जोर दिया गया है।

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