हापुड़, हाथरस, आगरा जैसे तमाम जिलों में बंद समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर आवागमन बाधित करने की कोशिश की। लोग सड़कों पर उतर गए हैं और कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है। पुलिस को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है और गश्त तेज कर दी गई है।
भारत बंद को लेकर पुलिस और प्रशासन अलर्ट
बहुजन समाज पार्टी जहां सालों बाद आरक्षण को लेकर सड़कों पर उतरने जा रही है, वहीं समाजवादी पार्टी ने भी आरक्षण को लेकर विरोध का ऐलान किया है। एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले के विरोध में भारत बंद को लेकर बसपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। एसपी सिटी सूरज राय ने बताया कि तीनों स्थलों से कलेक्ट्रेट तक जाने के लिए पार्टी को अनुमति दी गई है। ये लोग धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। जुलूस को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए पुलिस अधिकारियों की अलग से भी ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस फोर्स पूरे शहर पर नजर रखेगी। क्यों किया जा रहा भारत बंद?
दरअसल, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था, उसके खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया गया है। 1 अगस्त को चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने 6:1 के बहुमत से यह फैसला दिया था। फैसले के मुताबिक, राज्य सरकारों को एससी एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, इससे आरक्षण का लाभ उन्हें मिल सकेगा, जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से ज्यादा पिछड़े हैं।