ताजनगरी को कभी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। आजादी के बाद 1952 से लेकर 1971 तक लगातार यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की। लेकिन इमरजेंसी लगने के बाद लोगों में कांग्रेस सरकार के प्रति गुस्सा था। कांग्रेस विरोधी इस लहर का फायदा चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय लोकदल को हुआ और ये सीट उनके खाते में चली गई। उसके बाद एक बार फिर से आगरा की जनता ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और 1980 और 1984 में यहां कांग्रेस ने जीत हासिल की। लेकिन 1984 के बाद से यहां कभी कांग्रेस की वापसी नहीं हो सकी।
1957 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1962 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1967 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1971 सेठ अचल सिंह (कांग्रेस)
1977 शंभूनाथ चतुर्वेदी (भारतीय लोक दल)
1980 निहाल सिंह (कांग्रेस)
1984 निहाल सिंह (कांग्रेस)
1989 अजय सिंह (जनता दल)
1991 भगवान शंकर रावत (भाजपा)
1996 भगवान शंकर रावत (भाजपा)
1998 भगवान शंकर रावत (भाजपा)
1999 राज बब्बर (सपा)
2004 राज बब्बर (सपा)
2009 डॉक्टर राम शंकर कठेरिया (भाजपा)
2014 डॉक्टर राम शंकर कठेरिया (भाजपा)