अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पीड़ित किसान राजेश कुशवाह बटाई पर खेती करते थे। पिछले दिनों आवारा पशु उनकी पूरी फसल बर्बाद कर गए। राजेश इस सदमे को सह नहीं पाए क्योंकि उनके ऊपर पहले से भी कर्ज था। हताश और निराश होकर राजेश ने आत्महत्या कर ली। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को प्रदेश के किसानों की हालत पर बात करनी चाहिए। उनको शायद इस बात की खबर नहीं है कि भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के कारण ही अन्नदाता आत्महत्या करने को मजबूर है। जनता के खून पसीने की कमाई से योगी सरकार झूठे विज्ञापनों के जरिए अपनी पीठ थपथपा रही है।
छुट्टा पशुओं के आतंक से जूझ रहा प्रदेश
पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा की राजेश कुशवाह एक एक ऐसा उदाहरण हैं जिन पर भाजपा की जनविरोधी नीतियों की मार पड़ी है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में किसानों के सवालों पर कांग्रेस पार्टी सड़क पर संघर्ष करने के लिए तैयार है। पूरा प्रदेश छुट्टा पशुओं के आतंक से जूझ रहा है। किसानों को समय पर उनकी फसलों का दाम नहीं मिलता। फसल बीमा के नाम पर सरकार पूजी पतियों के साथ मिलकर किसानों को लूट रही है। गन्ना किसानों का पिछले दो वर्षों से एक पैसा भी नहीं बढ़ा। उनके घरों में बड़ी आर्थिक तंगी है। वे अपने बच्चों की स्कूल की फीस तक जमा नहीं कर पा रहे हैं। बीमारों का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। बेटियों की शादियां नहीं करवा पा रहे हैं। आखिर किसानों के खून पसीने की कमाई दबाकर सरकार किसे देना चाहती है?
उन्होंने कहा कि पूरे आगरा मंडल में आलू किसान परेशान हैं। कोल्ड स्टोरेज नहीं है। आलू का सही दाम नहीं मिलता। इन सारे सवालों को भी पार्टी प्रमुखता से उठाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसानों क़े प्रति गंभीरता को लेकर मुख्यमंत्री की पोल खुल चुकी है। उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं क़े आतंक से किसान हताश है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग हैं कि पीड़ित परिवार को अविलंब 25 लाख की सहयोग राशि दी जाए। इसके साथ ही प्रदेश में आवारा पशुओं क़े कारण जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, सर्वे कराकर उनको मुआवजा दिया जाए। रातभर खेतों में पहरा दे रहे किसानों क़े लिए भत्ता की व्यवस्था सुनिश्चित हो।