आगरा। हर कोई चाहता है फिल्म अभिनेता बनना। इसका रास्ता खुलता है रंगमंच यानी थियेटर से। अभिनय की बारीकियां सीखने के लिए सबसे पहला नाम आता है नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) का। इसके बाद भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ का नाम है। यहीं से अनुपम खेर, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राजपाल यादव, जगत रावत जैसे अभिनेता निकले हैं। राजीव जैन जैसे छायाकार निकले हैं। इसलिए फिल्म जगत में प्रवेश करना है तो भारतेन्दु नाट्य अकादमी (बीएनए) में प्रवेश लेकर अपना भविष्य संवार सकते हैं।
लखनऊ में कार्यालय यह कहना है कि भारतेन्दु नाट्य अकादमी (Bharatendu Natya Academy) के सदस्य और रंगमंच के जाने-माने कलाकार राजेश पंडित का। वे संस्कार भारती से जुड़े हुए हैं। सामाजिक सरोकार के लिए कार्य करते हैं। वृद्धाश्रम जैसे विषय को लेकर कालचक्र फिल्म बना चुके हैं। कई टीवी सारियल निर्माणाधीन हैं। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने भारतेन्दु नाट्य अकादमी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विकास खंड-1, गोमतीनगर, लखनऊ में भारतेन्दु नाट्य अकादमी का चार मंजिला भवन है, जो स्टूडियो और थियेटर के अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त है। छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध है। नए चेयरमैन रविशंकर खरे के नेतृत्व में नए काम हो रहे हैं।
रंगमंच, फिल्म, टीवी आदि क्षेत्र की बारीकियां सिखाई जाती हैं श्री पंडित ने बताया कि भारतेन्दु नाट्य अकादमी उत्तर प्रदेश सरकार का उपक्रम है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली के आधार पर दो वर्षीय डिग्री और डिप्लोमा देता है। पूरे उत्तर प्रदेश के ऐसे बच्चे जो स्नातक के बाद रंगमंच, फिल्म, टीवी आदि में जाना चाहते हैं, उनके लिए यह सर्वश्रेष्ठ संस्थान है। यहां हर तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है। देशभर के जाने-माने रंगकर्मी प्रशिक्षण के लिए आते हैं।
स्वयं का प्रशिक्षण केन्द्र खोल सकते हैं उन्होंने कहा कि थियेटर सिखाने वाले प्राइवेट संस्थान सिर्फ आर्थिक लाभ की दृष्टि से चलते हैं। भारतेन्दु नाट्य अकादमी को उत्तर प्रदेश सरकार चलाती है। बहुत कम शुल्क है। प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करें। लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एक सप्ताह की कार्यशाला होती है। फिर ऑडीशन होते हैं। इसके बाद प्रवेश लिया जाता है। क्या रोजगार की गारंटी है, सवाल पर कहा कि अगर फिल्म या टीवी सीरियल में मौका नहीं मिलता है तो स्वयं का प्रशिक्षण केन्द्र खोल सकते हैं। यहां से उत्तीर्ण बच्चों को तरह-तरह की योजनाओं में लाभ दिया जाता है।
भ्रष्टाचार पर नजर राजेश पंडित ने बताया कि पिछली सरकारों में भ्रष्टाचार व्याप्त था। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाले अनुदान का क्या हो रहा था, उस पर नजर रखी है। ऑडिट करा रहे हैं। भ्रष्टाचार को रोक रहे हैं। पाठ्क्रम में परिवर्तन किया गया है, ताकि बच्चे आधुनिक चीजें सीख सकें। उन्होंने बताया कि भारतेन्दु नाट्य अकादमी में शुचिता कायम रहे, यह भी प्रयास है।
पुणे भी भेजते हैं उन्होंने बताया कि बीएनए फिल्म निर्माण तो नहीं करता है, लेकिन कोर्स के अंत में डेढ़ माह का प्रशिक्षण दिया जाता है। पुणे भेजकर फिल्म निर्माण की विधाओं को सिखाया जाता है। फिल्म निर्माण में अनुदान पर कहा कि कानपुर के राजू श्रीवास्तव चेयरमैन बनाए गए हैं। वे अपना काम कर रहे हैं। पिछली सरकार में वास्तविक पात्र व्यक्ति को अनुदान नहीं मिलता था।
कैसे लें प्रवेश भारतेन्दु नाट्य अकादमी के कार्यालय से प्रवेश फार्म ले सकते हैं। भारतेन्दु नाट्य अकादमी वेबसाइट http://www.bnalko.in/ से भी फार्म डाउनलोड किया जा सकता है। 500 रुपये शुल्क है। अभ्यर्थी की उम्र एक जुलाई को 20 से 30 साल के बीच होनी चाहिए। निदेशक को अधिकार है कि विशेष परिस्थियों में उम्र सीमा में पांच साल की छूट दे सकते हैं। अभ्यर्थी स्नातक हो। उसे हिन्दी और अंग्रेजी का ज्ञान हो। रंगमंच क्षेत्र में दो साल कार्य करने का अनुभव हो। कम से कम दस नाटकों में भाग लिया हो। दो नाटकों को निर्देशन किया है।
आरक्षण दो सीटें अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित हैं। जिनके परिजन रंगमंच मे सक्रिय हैं, उन्हें वरीयता मिलती है। अगर अनुसूचित जाति-जनजाति के योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं, तो सामान्य अभ्यर्थी को प्रवेश दे दिया जाता है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी की उम्र सीमा 35 साल है। 15 जुलाई से कक्षाएं प्रारंभ हो जाएंगी।
मेल आईडी भारतेन्दु नाट्य अकादमी से मेल आईडी bna.lko@gmail.com पर भी संपर्क किया जा सकता है।
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