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आगरा से लेकर जैसलमेर तक फैले मिले बड़ी साजिश के तार, वियतनाम और चीन का कारनामा

आगरा की की एक जूता फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के नाम से एक्टिव सिम कार्ड भारत से चाइना और वियतनाम ले जाए जा रहे थे। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से पकड़े गए।

आगराMar 18, 2024 / 11:53 am

Shivmani Tyagi

Sim card

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। यहां कार्गो टर्मिनल से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से सैकड़ों एक्टिव सिम कार्ड मिले हैं। ये सिम कार्ड किसी गैर कानूनी कार्य में इस्तेमाल किए जाने की साजिश थी। इस साजिश का सीधा कनेक्शन उत्तर प्रदेश से आ रहा है। पकड़े गए तीन आरोपी उत्तर प्रदेश के शहर आगरा के रहने वाले हैं। भारतीय एजेंसियां अब इनसे पूछताछ कर रही है। अभी तक जो चार लोग पकड़े गए हैं उसमें चौथा राजस्थान के जैसलमेर का रहने वाला है।
आगरा डीपीपी उषा रंगरानी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि एक नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर के जरिए पुलिस को सूचना मिली थी कि कार्गो टर्मिनल से अवैध सिम कार्ड ले जाए जा रहे हैं। इस सूचना पर घेराबंदी की गई तो जियो और वीआई कंपनी के सिम कार्ड बरामद हुए। इनमें से अधिकांश सिमकार्ड आगरा के लोहा मंडी इलाके के आसपास के रहने वाले लोगों के नाम से हैं। प्राथमिक जांच में पता चला है कि लोहा मंडी के रहने वाले मुकुल कुमार ने अपनी फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के नाम पर यह सिम कार्ड लिए थे।
मुकुल कुमार की लोहा मंडी में जूता फैक्ट्री है। इसी फैक्ट्री में जो मजदूर काम कर रहे हैं उन्हें 200 रुपये का लालच देकर उनके नाम से यह सिम कार्ड खरीदे गए थे। इसके पीछे क्या साजिश हो सकती है इसका पता लगाने के लिए अब एजेंसियां इसका पता लगाने में जुटी हुई है। इससे भी हैरान कर देने वाली बात तब सामने आई जब मुकुल से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसने 300 में सभी सिम कार्ड आगरा के ही रहने वाले जगदीशपुर निवासी हेमंत कुमार और कन्हैया को भेज दिए थे। जब पुलिस कन्हैया और हेमंत से पूछताछ की गई तो पता चला कि इन्होंने सभी सिम कार्ड 500 में राजस्थान के जैसलमेर में रहने वाले अनिल कुमार को बेचे थे।
इसके बाद से पुलिस की छापेमारी चल रही है। पुलिस ने मुकुल कुमार हेमंत कुमार कन्हैया और अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। इन सब से पूछताछ की जा रही है। आगे की गई पूछताछ में उनसे यह भी पता चला कि टेलीग्राम एप के जरिए कुछ लोग इनके संपर्क में आए थे। इन लोगों ने एक्टिव सिम कार्ड मांगे थे। एक्टिव सिम कार्ड के बदले इन्हें 1300 मिलने थे। इससे भी अधिक हैरान कर देने वाली बात यह है कि यह सारा पैसा चाइनीज क्रिप्टोकरंसी के तहत आना था। भारत सरकार पहले ही चीनी क्रिप्टोकरंसी को बैन कर चुकी है।
अभी तक की पूछताछ में जो पता चला है उसके मुताबिक इन सिम कार्ड का इस्तेमाल फॉलोअर्स बढ़ाने के लिए किया जाना था। पकड़े गए सभी आरोपियों ने फिलहाल यही बयान दिया है। अब भारतीय एजेंसियां इनसे पूछताछ कर रही है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश तो नहीं।

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