देखें वीडियो-
सिस्टम की शर्मसार करने वाली तस्वीरें
कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु के मामले में कोरोनो प्रोटोकॉल के तहत मोतीसागर तालाब किनारे स्थित मुख्य मुक्तिधाम स्थल पर सामान्य दाह संस्कार के साथ-साथ कोविड से मृत हुए लोगो का दाह संस्कार भी किया जा रहा है। बकायदा यहां जवाबदार अधिकारियों को दायित्व भी सौंपे गए हैं और तैनात अधिकारी पुरे समय मौजूद रहते हैं। १4 अप्रैल को एक के बाद एक चार कोरोना संक्रमित शव का प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। रात्रि में भी एक दाह संस्कार हुआ। जब तक दाह संस्कार चलता रहा तब तक अधिकारी मौजूद रहे। इसके उपरांत अधिकारी मौके से चले गए। सुबह श्मशान स्थल पर सामान्य मृत्यु होने पर किसी का दाह संस्कार किया जा रहा था। दाह संस्कार में शामिल कुछ लोगों की नजर जलती हुई चिताओं पर पड़ी तो नजारा हैरान कर देने वाला दिखाई दिया। बुधवार को हुए दाह संस्कार की चिता ठंडी नहीं पड़ी थी और उसके आस-पास कुछ अवशेष पड़े हुए थे जिसे वहां मौजूद श्वान नोंच रहे थे। स्थिति देख तत्काल जवाबदारों को सूचना दी गई। सूचना मिलने पर कस्बा पटवारी त्रिलोक पाटीदार व नगर पालिका कर्मचारी मौके पर पहुंचे और श्वान द्वारा नोंचे गए अवशेष समेटकर अग्नि में डाले गए।
ये भी पढ़ें- हे भगवान ! कोरोना संक्रमित जिंदा मरीज को दो बार घोषित किया मृत, अब भी चल रही हैं सांसें
जिम्मेदार दे रहे नपा तुला जवाब
हालांकि नपा कर्मचारियों ने बताया कि वे लोग पूरे समय वहां मौजूद रहते हैं जब चिता की अग्नि तेज होती है तब कोई पशु आस-पास नहीं आ पाता है। सुबह जो घटनाक्रम हुआ है उसमें जो अवशेष श्वान ले जा रहे थे वह अवशेष शव के न होकर पीपीई कीट के अवशेष थे। इस घटना को लेकर जब विधायक विपिन वानखेड़े से बात की गई तो उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं जिला मुख्यालय पर कोरोना से जुड़ी व्यवस्थाओं को लेकर बैठक में पहुंचे शिक्षा मंत्री व जिला कोरोना प्रभारी मंत्री इंदरसिंह परमार ने पूरे मामले पर चुप्पी साधते हुए सिर्फ इतना कहा कि हम मामले को दिखवाते हैं।
ये भी पढ़ें- कोरोना कर्मवीर : 7 दिन तक लड़ी कोरोना से जंग, गॉर्ड ऑफ ऑनर के साथ SDOP की अंतिम विदाई
चिता में ही झोंक देते हैं पीपीई कीट
जानकारी के मुताबिक दाह संस्कार करने वाले कर्मचारी पीपीई किट पहनकर दाह प्रक्रिया सम्पन्न करते है लेकिन दाह संस्कार करने के बाद पीपीई किट को जलती चिता में ही झोंककर नष्टीकरण कर देते हैं। यही पीपीई किट पिघलकर एकत्रित हो जाती है जिसके कारण शव के आधे जलने के उपरांत पीपीई किट व अन्य प्लास्टिक सामग्री पिघलकर चिता के आस-पास जमा हो जाती है और उसी वजह से श्वान चिता के आस-पास मंडराते रहते हैं।
देखें वीडियो-