जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की ओर से हाल ही में संविधान की धारा 370 को ‘स्थाईÓ बताने और इसमें किसी संशोधन या गुंजाइश नहीं होने का फैसला देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केवल संसद ही धारा 370 को खत्म करने का फैसला ले सकती है।
संविधान से इस धारा को हटाने वाली याचिका की सुनवाई से इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत ऐसा निर्देश नहीं जारी कर सकती। क्या हम संसद से कह सकते हैं कि वह इस धारा को निकाल दे। यह कोर्ट का काम नहीं है। पीठ में जस्टिस अमिताव रॉय भी शामिल थे।
याचिका आंध्र प्रदेश के वकील बीपी यादव ने दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को दखल देने की जरूरत है।
याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की थी कि सभी अधिनियमों से ‘जम्मू-कश्मीर को छोड़करÓ शब्द हटाया जाए और इस राज्य में भी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में लागू होने वाले कानून लागू हों।
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