रीडर अशोक ने एफआर लगाने के बदले 50 हजार रुपए मांगे तो परिवादी एसीबी पहुंच गया। एसीबी ने 18 जून को तस्दीक की कार्रवाई की। परिवादी रीडर अशोक से मिला। रीडर ने कहा कि इंचार्ज साहब से बात हो गई है। वो पचास हजार रुपए से कम में नहीं मानेंगे। परिवादी ने थोड़ा करने के लिए कहा तो रीडर बोला…पचास हजार रुपए तो देने ही पड़ेंगे, मैं मेरी बात खराब नहीं कर सकता। मेरे हिस्से के रुपए चाहे तो मत देना, लेकिन साहब के तो देने पड़ेंगे।
ट्रेप की भनक लगी तो बोला..तू परिवादी, तेरे से रुपए नहीं लेंगे
रीडर की तस्दीक होने के बाद एसीबी ने थानाधिकारी की तस्दीक के प्रयास किए। परिवादी लगातार मिलने का प्रयास किया, लेकिन थानाधिकारी कही कानून व्यवस्था की ड़्यूटी को लेकर तो कभी आपराधिक घटना के फेर में न मिला। इस बीच रीडर को एसीबी कार्रवाई की भनक लग गई। इस पर रीडर के तेवर बदल गए, उसने शिकायतकर्ता से कहा कि तू परिवादी है, तेरे से रुपए नहीं लेंगे। ट्रेप फेल होने के बाद एसीबी ने रिश्वत मांगने की धाराओं में मामला दर्ज किया है।