फिर 1995 में बॉक्सिंग छोड़ मुक्केबाजों की नई पौध तैयार करने में जुट गए। 29 साल से वे बच्चों को नियमित ट्रेनिंग दे रहे हैं। वे बॉक्सिंग की बेसिक जानकारी खुले मैदान में देते हैं। फिर उन्हें रिंग में प्रोफेशनल टे्रनिंग प्रदान करते हैं। उन्होंने कई सालों तक छत्तीसगढ़ बॉक्सिंग एसोसिएशन के प्रमुख के रूप में काम किया है।
International Olympic Day 2024: बॉक्सिंग उनका पहला प्यार
छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने से पहले राजेंद्र प्रसाद 7 वर्षों तक मध्यप्रदेश के स्वण पदक विजेता मुक्केबाज रहे हैं। उनका अंतरराष्ट्रीय खेल कॅरियर 1985 से 1995 तक रहा। सीनियर नेशनल मुक्केबाजी में उन्होंने 3 स्वर्ण, एक कांस्य और एक रजत पदक जीता है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में दो रजत पदक और तीन बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। राजेंद्र प्रसाद बताते हैं कि बॉक्सिंग उनका पहला प्यार है। अपनी यादों को ताजा रखने और तकनीकी ज्ञान के विस्तार के लिए वे ट्रेनिंग देना शुरू किया। वर्तमान में वे सैकड़ों बच्चों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दे चुके हैं।
1992 में खेल ओलंपिक और मिला अर्जुन पुरस्कार
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के बाद उन्हें बार्सिलोना ओलंपिक 1992 में मुक्केबाजी खेल के 48 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। हालांकि, वे पदक जीतने से चूके गए। उनके उत्कृष्ट ख्रेल प्रदर्शन के आधार पर भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।
65 बच्चों के दे रहे ट्रेनिंग, 18 खेल चुके नेशनल
ओलंपियन राजेंद्र वर्तमान में छत्तीसगढ़ में बॉक्सिंग की नई पौध तैयार करने में जुटे हैं। वे वर्तमान में भिलाई में 65 बच्चों को नियमित ट्रेनिंग प्रदान कर रहे हैं, जिसमें 13 साल से 21 साल की उम्र के खिलाड़ी शामिल हैं। इसमें 18 नेशनल खिलाड़ी बन चुके हैं और एक-दो खिलाड़ी नेशनल में पदक भी जीत चुके हैं। ट्रेनिंग देने का सिलसिला उन्होंने 1995 में प्रोफेशनल बॉक्सिंग छोडऩे के बाद शुरू किया और आज तक जारी है।
ये रेकॉर्ड आज भी कायम
राजेंद्र प्रसाद के नाम राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 48 किग्रा भार वर्ग में तीन स्वर्ण पदक, एक रजत और एक कांस्य पदक जीतने का रेकॉर्ड दर्ज है, जो आज भी कायम है।
International Olympic Day 2024: मुक्केबाजी उच्च प्राथमिकता का खेल, सरकार दे प्रोत्साहन
राजेंद्र प्रसाद ने छत्तीसगढ़ सरकार में मुक्केबाजी को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताई है। भारत में मुक्केबाजी उच्च प्राथमिकता वाला व ओलंपिक खेल है, जिसे प्रदेश में आगे बढ़ाने के लिए सरकार की सहयोग की जरूरत है। सरकार को मुक्केबाजी की आवासीय अकादमी खोलने और संसाधन उपलब्ध कर की जरूरत है। जहां रहकर नवोदित खिलाड़ी उच्चस्तरीय ट्रेनिंग हासिल कर सकें और देश-विदेश में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले। @dinesh-kumar-7055