दरअसल, कुम्भलगढ़अभ्यारण्य से सटे घाणेराव गांव में एक माह में चार बार पेंथर की मूवमेंट कैमरे में रिकॉर्ड हुई। कुछ दिनों पहले कीर्ति स्तंम्भ की दीवार पर पैंथर देखा गया था। उसके बाद मस्जिद की दीवार व तीसरा बार मस्जिद के पास गली में पेंथर गुमता दिखाई दिया था। सोमवार को चौथी बार साढ़े दस बजे बस स्टैंड पर पैंथर भागता हुआ दिखाई दिया।
जानकारी के अनुसार वीडियो में दिखाई दे रहे पेंथर की उम्र एकसेडेढ़ साल के बीच है। जो गुडा भोपसिंह की तरफ दुधामगरीटेरिटरी अमूमन विचरण करता है। कुम्भलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य के देसूरी रेंजर अरविंद सिंह झाला ने बताया कि 17 सितंबर को घाणेराव में एक गली में पेंथर गुमता हुआ देखा गया। जिसके बाद पेंथर को पकड़ने के लिए आबादी क्षेत्र में एक बाड़े में पिंजरा व ट्रेप कैमरे लगाए गए। लेकिन फिर से उस तरफ पैंथर की मूवमेंट नही हुई। सोमवार को बस स्टैंड पर पेंथर की मूवमेंट हुई। इसको लेकर एक ओर पिंजरा व ट्रेप कैमरा बस स्टैंड की तरफ भी लगाया जाएगा।
पिंजरे में बदले जानवर, फिर भी नही मिली सफलता
पेंथर को पकड़ने के लिए 18 सितंबर को वन विभाग ने पिंजरा लगवाया था। जिसमे सबसे पहले सुअर,बाद में बकरा व अब मुर्गा डाला जा रहा है। वन विभाग को उम्मीद थी कि पेंथर पसंदीदा शिकार के लिए जरूर आएगा। लेकिन पिंजरा लगाने के बाद ट्रेप कैमरे में मूवमेंट ही दर्ज नही हो पाई।
रात में लोग पिंजरे पर डाल रहे टॉर्च
रेंजर अरविंद सिंह झाला व वन कार्मिक भेरूलाल बिश्नोई का कहना है कि जहां पिंजरा लगवाया। वहां आसपास के मौहल्ले वाले रात में पिंजरे पर टॉर्च से प्रकाश डालते है। ऐसे में पेंथर पिंजरा की तरफ आने की बजाय गांव में अन्यत्र मूवमेंट कर रहा है।