scriptयात्रियों को बैठने न कुर्सी न पीने के लिए पानी की व्यवस्था, बस स्टैंड से लाइट-पंखे भी गायब | There is no chair for passengers to sit or water to drink, lights and fans are also missing from the bus stand | Patrika News
समाचार

यात्रियों को बैठने न कुर्सी न पीने के लिए पानी की व्यवस्था, बस स्टैंड से लाइट-पंखे भी गायब

हाई कोर्ट के स्टे के बाद शुक्रवार रात से तालाब किनारे स्थित डॉ. सर हरिसिंह गौर बस स्टैंड से बसों का संचालन तो शुरू हो गया है, लेकिन इस बात से प्रशासनिक अमला जरा भी खुश नजर नहीं आ रहा है। इसका असर शनिवार को पुराने बस स्टैंड पर देखने मिला, जहां कर्मचारी होने के बाद भी न तो बस स्टैंड की सफाई कराई गई और न ही यात्रियों की सुविधाओं ध्यान में रखा गया।

सागरJun 23, 2024 / 12:17 pm

Madan Tiwari

यात्रियों को बैठने न कुर्सी बची न पीने के लिए पानी की व्यवस्था, बस स्टैंड से लाइट-पंखे भी गायब

यात्रियों को बैठने न कुर्सी बची न पीने के लिए पानी की व्यवस्था, बस स्टैंड से लाइट-पंखे भी गायब

पुराने बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू : प्रशासन अभी भी रुष्ठ, संचालन शुरू होने के बाद शासकीय कर्मचारी नहीं पहुंचे ड्यूटी पर

सागर. हाई कोर्ट के स्टे के बाद शुक्रवार रात से तालाब किनारे स्थित डॉ. सर हरिसिंह गौर बस स्टैंड से बसों का संचालन तो शुरू हो गया है, लेकिन इस बात से प्रशासनिक अमला जरा भी खुश नजर नहीं आ रहा है। इसका असर शनिवार को पुराने बस स्टैंड पर देखने मिला, जहां कर्मचारी होने के बाद भी न तो बस स्टैंड की सफाई कराई गई और न ही यात्रियों की सुविधाओं ध्यान में रखा गया। स्टैंड पर यात्रियों के लिए बैठने न कुर्सियां थीं न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था। शिफ्टिंग के बाद बस स्टैंड पर लगी लाइट और पंखे भी गायब हैं। इस भीषण गर्मी में यात्री यहां-वहां भटकते नजर आए तो कुर्सी न होने से लोग जमीन में बैठकर खाना खाते दिखे।

– कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं

दरअसल कलेक्टर दीपक आर्य ने 10 मई को एक आदेश जारी कर स्मार्ट सिटी द्वारा राजघाट व भोपाल रोड पर तैयार किए नए बस स्टैंड से बसों का संचालन शुरू करा दिया था। बस ऑपरेटर्स ने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की और नियमों का पालन न करने की तर्क दिया, जिस पर कोर्ट ने 20 जून को स्टे आर्डर जारी कर दिया। प्रशासन इसके बाद भी पुराने बस स्टैंड से बसों के संचालन को लेकर तैयार नहीं था। शुक्रवार को अधिकारियों ने बस ऑपरेटर्स को दस्तावेजों की जांच कराने के नाम पर चेतावनी देकर दबाने का भी प्रयास किया था, अचानक रात में बेरिकेड्स हटा दिए गए, लेकिन शनिवार को परिवहन विभाग का एक भी कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचा और न ही अनुरक्षण शुल्क की रसीदें काटी गईं।

– चौराहे पर सवारी बैठाने पर काटा चालान

शनिवार को सिविल लाइन चौराहे के पास खड़े होकर यात्रियों को बैठा रही एक बस पर यातायात पुलिस पुलिस ने चालानी कार्रवाई की। यातायात डीएसपी मयंक चौहान ने बताया कि चौराहे के पास बसों के खड़े होने पर प्रतिबंध लगाया है, इससे यातायात प्रभावित होता है। सभी को हिदायत दी गई है कि वे यात्रियों को मकरोनिया रोड पर कैंट के नाकों के पास बसें खड़ी करें। निर्देशों का पालन न करने पर एक यात्री बस पर चालानी कार्रवाई की गई थी।

– प्रशासन को छोड़ बाकी सब खुश

न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद पुराने बस स्टैंड से शुरू हुए बसों के संचालन को लेकर नेता और अधिकारियों को छोड़कर हर व्यक्ति खुश है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार की रात बस स्टैंड खुलने की खुशी में जो लोग बैंड-बाजों के साथ आतिशबाजी कर मिठाइयां बांट रहे थे उसमें न तो बस ऑपरेटर्स थे न ही स्थानीय व्यापारी। खुशियां मनाने वालों में शहर के आमजन शामिल थे।

– छात्राएं बोलीं यहां ज्यादा सहूलियत

मैं राहतगढ़ क्षेत्र के गंभीरिया हाट से गल्र्स डिग्री कॉलेज आती हूं। बस स्टैंड की शिफ्टिंग के कारण पिछले एक महीने बहुत परेशानी हुई। बस स्टैंड से कॉलेज तक आने-जाने अलग से ऑटो का खर्चा बढ़ गया था।
खुशी राजपूत, छात्रा

इस बस स्टैंड से कॉलेज लगा हुआ है। यहां से पैदल कॉलेज पहुंच जाते हैं, लेकिन नए बस स्टैंड से कॉलेज आने-जाने में समय की तो बर्बादी होती ही थी साथ में आर्थिक नुकसान भी हो रहा था। हमें यहां ज्यादा सहूलियत है।
निशा चढ़ार, छात्रा

Hindi News / News Bulletin / यात्रियों को बैठने न कुर्सी न पीने के लिए पानी की व्यवस्था, बस स्टैंड से लाइट-पंखे भी गायब

ट्रेंडिंग वीडियो