लोगों के मन में नए टैक्स रिजीम और पुरानी टैक्स रिजीम को लेकर कई तरह के सवाल रहते हैं। उन्हें कब कौन-सी रिजीम को चुनना चाहिए इसको लेकर ज्यादा समझ नहीं है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के बारे में भी उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं होती है। इसमें मिलने वाला ब्याज नई कर व्यवस्था में भी आयकर से पूरी तरह मुक्त है।
निवेश करने पर किया जा सकता है क्लेम
नई कर व्यवस्था में पीपीएफ ब्याज पर मिलने वाली सभी मौजूदा छूटें अपरिवर्तित रहेंगी। इस पर कोई टैक्स लागू नहीं होगा।इस योजना में निवेश करने पर 80C के तहत आइटीआर में क्लेम किया जा सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि नई और पुरानी दोनों कर व्यवस्था में पीपीएफ खाते से मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है।
सालाना 7 लाख रु. की इनकम पर कर से राहत
नए टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपए तक कीसालाना आय पर टैक्स की छूट दी गई है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 87ए के रिबेट के कारण न्यू टैक्स रिजीम में 12500 से बढ़ाकर 25000 रुपए तक के कर की राशि पर राहत का प्रावधान है। सैलरी वालों को 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाता है।