ग्वालियर। ट्रेन में सफर करने वालों की मनमानी अब आम बात सी हो गई है। जिसका जहां मन किया कर दी चैन पुलिंग। न रेल्वे पुलिस का डर और न ही किसी रेल्वे स्टाफ का, रेल्वे स्टेशन पर पहुंचने के पहले ही ट्रेन में एसीपी कर दी जाती है। जिसके कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रेल पुलिस भी ट्रेन में मौजूद रहते हैं। लेकिन वे चैन पुलिंग करने वालों को पडऩे में हमेशा विफल रहते हैं। जिसके कारण ट्रेने अपने गंतव्य तक पहुंचनें मे भी लेट होती हैं।
नहीं है रेलवे पुलिस का डर
ग्वालियर पहुंचने वाली दोनो ओर की ट्रेनों में डाउन ट्रैक व अप ट्रैक दोनों शामिल हैं। सबसे ज्यादा चैन पुलिंग करने वालों में कॉलेज स्टूडेंट्स व ग्वालियर काम करने आने वाले लोग हैं। इनके कार्य स्थल व कॉलेज जाने के रास्ते स्टेशन से पहले आने के कारण ये सभी स्टेशन उतरने के बजाय गाड़ी की चैन खींच देते हैं। जिससे ट्रेन स्टेशन पर लेट पहुंचती है। ट्रेन में मौजूद आरपीएफ के जवान इन रोज-रोज होने वाली चैन पुलिंग को रोकने में पूरी तरह से नाकामयाव रहते हैं। चैन खीचने वालों में पुलिस का डर पूरी तरह से खत्म हो गया है। जिस के कारण यह घटनायें हर रोज होती है।
कर दिये हैं स्पॉट फिक्स
मुरैना की ओर से आने वाली गाडिय़ों की चैन पुलिंग बिरला नगर व उसके आगे कर दी जाती है। यहां स्थित फैक्ट्रीयों में काम करने वाले लोग व कॉलेज जाने वाले लोग चैन पुलिंग करते हैं। झांसी की तरफ से आने वाली ट्रेनों को सबसे ज्यादा राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय के पास फिर शिवपुरी लिंक रोड़ के पास जहां मैन हाईवे व रेल्वे के बीच जगह खुली है। सिटी सेंटर पुल प्रमुख स्थान हैं यहां पर ट्रेन पुलिंग की घटना सबसे ज्यादा की जाती है।
ग्वालियर के अलावा अन्य स्टेशनों पर भी पुलिंग की समस्या बनी हुई है। डबरा रेल्वे स्टेशन आने के पहले ही दो से तीन बार ट्रेनों की पुलिंग कर दी जाती है। डबरा में सबसे ज्यादा पुलिंग मदरसे के सामने जंगीपुरा क्षेत्र में की जाती है। उसके अलावा पुल के नीचे भी टे्रनों रोक दिया जाता है। डबरा रेलवे थाने में मौजूद पुलिस कर्मी चैन पुलिंग की घटनाओं को रोकनें में कोई काम नहीं करते हैं। डबरा के अलावा दतिया व मुरैना में भी ट्रेने चैन खींच कर रोक दी जाती हैं। जिसका प्रभाव ट्रेनों के अगले स्टेशन पर समय पर न पहुंच पाना सबसे बड़ी समस्या होती जा रही है।
जान को डालते हैं जोखिम में
पुलिंग करने वाले चलती गाड़ी ले उतरते हैं, उन्हे अपनी जान चले जाने का भी डर नहीं है रहता है। चलती गाड़ी के गेट पर सेल्फी लेते है। ट्रेक पर खड़े होकर सेल्फी लेना तो मानो इनके फैशन में शामिल हो गया हो।
इन ट्रेनों में सबसे ज्यादा होती है चैन पुलिंग
11107-11108 दोनों ओर से आने और जाने वाली बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस को सबसे ज्यादा निशाना बनाया जाता है। क्योंकि ज्यादातर कोचिंग व कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स इसी ट्रेन में सफर करते हैं। इसके अलावा पैसेंजक ट्रैन दोनो ओर से आने जाने वाली, महाकौशल एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस को भी निशाना बनाया जाता है।
Hindi News/ Gwalior / इनकी मर्जी से चलती है ट्रेन, न पुलिस का खौफ न मौत का डर