लक्ष्मी बीज मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥ महालक्ष्मी मंत्रॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ लक्ष्मी गायत्री मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
अब पढ़ते हैं मां लक्ष्मी के 108 मंत्र और नाम
ॐ प्रकृत्यै नमः।
ॐ विकृत्यै नमः।
ॐ विद्यायै नमः।
ॐ सर्वभूतहितप्रदायै नमः।
ॐ श्रद्धायै नमः।
ॐ विभूत्यै नमः।
ॐ सुरभ्यै नमः।
ॐ परमात्मिकायै नमः।
ॐ वाचे नमः।
ॐ पद्मालयायै नमः।
ॐ पद्मायै नमः।
ॐ शुचये नमः।
ॐ स्वाहायै नमः।
ॐ स्वधायै नमः।
ॐ सुधायै नमः।
ॐ धन्यायै नमः।
ॐ हिरण्मय्यै नमः।
ॐ लक्ष्म्यै नमः।
ॐ नित्यपुष्टायै नमः।
ॐ विभावर्यै नमः।
ॐ अदित्यै नमः।
ॐ दित्ये नमः।
ॐ दीपायै नमः।
ॐ वसुधायै नमः।
ॐ वसुधारिण्यै नमः।
ॐ कमलायै नमः।
ॐ कान्तायै नमः।
ॐ कामाक्ष्यै नमः।
ॐ क्ष्रीरोधसंभवाम् नमः।
ॐ अनुग्रहप्रदायै नमः।
ॐ बुद्धये नमः।
ॐ अनघायै नमः।
ॐ हरिवल्लभायै नमः।
ॐ अशोकायै नमः।
ॐ अमृतायै नमः।
ॐ दीप्तायै नमः।
ॐ लोकशोकविनाशिन्यै नमः।
ॐ धर्मनिलयायै नमः।
ॐ करुणायै नमः।
ॐ लोकमात्रे नमः।
ॐ पद्मप्रियायै नमः।
ॐ पद्महस्तायै नमः।
ॐ पद्माक्ष्यै नमः।
ॐ पद्मसुन्दर्यै नमः।
ॐ पद्मोद्भवायै नमः।
ॐ पद्ममुख्यै नमः।
ॐ पद्मनाभप्रियायै नमः।
ॐ रमायै नमः।
ॐ पद्ममालाधरायै नमः।
ॐ देव्यै नमः।
ॐ पद्मिन्यै नमः।
ॐ पद्मगन्धिन्यै नमः।
ॐ पुण्यगन्धायै नमः।
ॐ सुप्रसन्नायै नमः।
ॐ प्रसादाभिमुख्यै नमः।
ॐ प्रभायै नमः।
ॐ चन्द्रवदनायै नमः।
ॐ चन्द्रायै नमः।
ॐ चन्द्रसहोदर्यै नमः।
ॐ चतुर्भुजायै नमः।
ॐ चन्द्ररूपायै नमः।
ॐ इन्दिरायै नमः।
ॐ इन्दुशीतलायै नमः।
ॐ आह्लादजनन्यै नमः।
ॐ पुष्टयै नमः।
ॐ शिवायै नमः।
ॐ शिवकर्यै नमः।
ॐ सत्यै नमः।
ॐ विमलायै नमः।
ॐ विश्वजनन्यै नमः।
ॐ तुष्टयै नमः।
ॐ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः।
ॐ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः।
ॐ शान्तायै नमः।
ॐ शुक्लमाल्यांबरायै नमः।
ॐ श्रियै नमः।
ॐ भास्कर्यै नमः।
ॐ बिल्वनिलयायै नमः।
ॐ वरारोहायै नमः।
ॐ यशस्विन्यै नमः।
ॐ वसुन्धरायै नमः।
ॐ उदारांगायै नमः।
ॐ हरिण्यै नमः।
ॐ हेममालिन्यै नमः।
ॐ धनधान्यकर्ये नमः।
ॐ सिद्धये नमः।
ॐ स्त्रैणसौम्यायै नमः।
ॐ शुभप्रदाये नमः।
ॐ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः।
ॐ वरलक्ष्म्यै नमः।
ॐ वसुप्रदायै नमः।
ॐ शुभायै नमः।
ॐ हिरण्यप्राकारायै नमः।
ॐ समुद्रतनयायै नमः।
ॐ जयायै नमः।
ॐ मंगळा देव्यै नमः।
ॐ विष्णुवक्षस्स्थलस्थितायै नमः।
ॐ विष्णुपत्न्यै नमः।
ॐ प्रसन्नाक्ष्यै नमः।
ॐ नारायणसमाश्रितायै नमः।
ॐ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः।
ॐ देव्यै नमः।
ॐ सर्वोपद्रव वारिण्यै नमः।
ॐ नवदुर्गायै नमः।
ॐ महाकाल्यै नमः।
ॐ ब्रह्माविष्णुशिवात्मिकायै नमः।
ॐ त्रिकालज्ञानसंपन्नायै नमः।
ॐ भुवनेश्वर्यै नमः।
॥ इति श्रीलक्ष्मीष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णा ॥
॥ आरती श्री लक्ष्मी जी ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥ जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता। सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता। खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥ शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई जन गाता। उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥