इससे देवताओं को इस दानव के अत्याचारों से मुक्ति मिली और देवताओं ने खुश होकर भगवान शिव को त्रिपुरारी नाम दिया। इस दिन हरि (विष्णु), हर (शिव) की संयुक्त पूजा का भी विधान है। साथ ही कुछ ऐसे धार्मिक कार्य हैं जिन्हें करने से शनि दोष से राहत मिलती है। आइये जानते हैं क्या हैं कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाने वाले कार्य ..
देव दीपावली (Dev Deepawali)
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास के अनुसार देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी खुशी जताते हैं। इसीलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन नदी और तालाब में दीपदान करना चाहिए। इससे सभी तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं और कर्ज से भी मुक्ति मिलती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों से बनाया हुआ तोरण जरूर बांधे और दीपावली की ही तरह चारों और दीपक जलाएं।
तुलसी पूजन (Tulsi Pujan)
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन शालिग्राम के साथ तुलसी जी की पूजा की जाती है। इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ और हवन का भी बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना का अनंत फल होता है। इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं, जिससे आपके मनोकामना पूरी हो और दरिद्रता दूर हो सके।
जरूरतमंदों को करें दान
भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास का कहना है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हों वह जरूर करें। इससे घर परिवार में धन-समृद्धि और बरकत बनी रहती है। ये भी पढ़ेंः Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा कल, राशि अनुसार दान से मिलेगा दस यज्ञ का फल