इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था, जिसके कारण इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा कहते हैं। इसी कारण इस दिन देवताओं ने वाराणसी में दिवाली मनाई और इस दिन के उत्सव का नाम देव दीपावली पड़ा।
देव दीपावली पर किए जाने वाला काम
कार्तिक पूर्णिमा यानी देव दीपावली पर पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की परंपरा है। साथ ही इस दिन हवन, पवित्र नदी में स्नान-दान, जप, तप, दीपदान, पूजा आरती आदि धार्मिक कार्य करने का विधान है। इससे अक्षय पुण्य फल मिलता है। विष्णु पुराण के अनुसार इस दिन भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था।कार्तिक पूर्णिमा पर राशि अनुसार दान
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर राशि अनुसार दान बेहद शुभफल प्रदान करता है। आइये जानते हैं इस दिन आपको किन चीजों का दान करना चाहिए …मेषः गुड़
वृषः गर्म कपड़े
मिथुनः मूंग की दाल
कर्कः चावल
सिंहः गेहूं
कन्याः हरे रंग का चारा
तुलाः भोजन
वृश्चिकः गुड़ और चना
धनुः गर्म खाने की चीजें, जैसे बाजरा,
मकरः कंबल
कुंभः काली उड़द की दाल
मीनः हल्दी और बेसन की मिठाई