आर्थिक उन्नति, ऋण, दरिद्रता दूर करने के लिए आखातीज के दिन लक्ष्मीजी की मंत्र-जप से आराधना शुभ माना गया है।
•Apr 17, 2018 / 11:28 am•
सुनील शर्मा
लक्ष्मीजी की पूजा-आराधना के लिए विशेष तौर पर दीपावली को शुभ माना गया है लेकिन अनेक धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व पर लक्ष्मीजी की आराधना से स्थायित्व दिया जा सकता है। व्यापार वृद्धि, पर्याप्त धनार्जन के पश्चात् भी धन संचय न होना, आर्थिक उन्नति, ऋण, दरिद्रता दूर करने के लिए आखातीज के दिन लक्ष्मीजी की मंत्र-जप से आराधना शुभ माना गया है।
ज्योतिषीय महत्त्व भी है
ज्योतिष के अनुसार सूर्य व चंद्रमा दोनों ही महत्त्वपूर्ण ग्रह है। चंद्रमा जहां मन का स्वामी व समस्त परणामों को प्रत्यक्ष रूप से शीघ्रता से प्रभावित करते हैं वहीं सूर्य नक्षत्र मंडल के स्वामी व केंद्र्र है, साथ ही दोनों ही ग्रह प्रत्यक्ष देवों की श्रेणी में आते हैं। अक्षय तृतीया को उक्त दोनों ही ग्रह अपनी उच्च राशि में होते हैं यही कारण है कि इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि यदि अक्षय तृतीया बुधवार या शुक्रवार को आती है तो यह और भी पुण्य फलदायी होती है। अक्षय तृतीया के दिन दान को खासा महत्त्व दिया गया है। इस दिन तिल के लड्डू, पंखा, मिट्टी का जल से भरा मटका, ककड़ी, चीनी, छाता, खरबूजा, चावल व सत्तू आदि का दान करना फलदाई और शुभ होता है।
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