ये भी पढ़ें- हरियाली अमावस्या : एक अगस्त को सावन माह की अमावस्या, इस दिन एक साथ रहेंगे 4 शुभ योग दरअसल, सावन शिवरात्रि ( Sawan Shivratri ) के अगले दिन ही सावन अमावस्या ( amavsya ) होता है। सावन महीने में हर ओर हरियाली होने के कारण इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। अमावस्या के तीन दिन बाद हरियाली तीज आती है। माना जाता है कि इस दिन पूजन और दान से जीवन से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
सावन अमावस्या तिथि सावन अमावस्या प्रारंभ : 31 जुलाई सुबह 11 : 57 बजे से
सवान अमावस्या समाप्त : 1 अगस्त प्रात: 8 : 41 बजे तक सावन अमावस्या पूजन विधि सावन अमावस्या के दिन पीपल की पूजा की जाती है। साथ ही इसके फेरे भी लगाए जाते हैं। इस दिन पीपल, बरगद, केला नींबू. तुलसी आदि के पौधे लगाए जाते हैं।
सवान अमावस्या समाप्त : 1 अगस्त प्रात: 8 : 41 बजे तक सावन अमावस्या पूजन विधि सावन अमावस्या के दिन पीपल की पूजा की जाती है। साथ ही इसके फेरे भी लगाए जाते हैं। इस दिन पीपल, बरगद, केला नींबू. तुलसी आदि के पौधे लगाए जाते हैं।
सावन अमावस्या पर क्या करें