वैश्विक मोर्चे पर ट्रंप के दावे
डोनाल्ड ट्रंप का यह दावा है कि वे शपथ लेने के 24 घंटे के अंदर रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त कर देंगे। उन्होंने पश्चिम एशिया में युद्ध समाप्त करने का भी वादा किया था। इसके अलावा, उन्होंने विदेशी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है।
ट्रंप ने इन प्रमुख नीतियों को लागू करने का वादा किया है
- अधिक टैरिफ : अमेरिकी डॉलर के स्थान पर कोई नई मुद्रा नहीं बनाएंगे
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर एक पोस्ट में कहा, “ब्रिक्स देशों का अमेरिकी डॉलर से बाहर जाने का विचार अब खत्म हो चुका है। हम इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहते हैं कि वे कोई नई ब्रिक्स मुद्रा नहीं बनाएंगे और न ही किसी और मुद्रा को अमेरिकी डॉलर की जगह देंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।”
- मैक्सिको और कनाडा से आने वाली सभी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ
- ट्रंप ने चीन से आने वाली वस्तुओं पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ
- विदेशी अप्रवासियों को देश से निकाला जाएगा
5.रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे में खत्म कर देंगे डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति बने तो वह रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे में खत्म कर देंगे। उन्होंने अपने पहले पेरिस दौरे में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की और युद्ध को खत्म करने के रास्ते पर चर्चा की। उनका यह भी कहना था कि रूस इस समय एक “कमजोर स्थिति” में है और चीन इसमें मदद कर सकता है।
- गाजा में होस्टेज़ के मामले में कड़ा रुख अपनाएंगे
7 अवैध भारतीय अप्रवासियों के भविष्य पर सवाल डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के साथ ही अवैध भारतीय अप्रवासियों के भविष्य पर सवाल उठना स्वाभाविक है, क्योंकि ट्रंप के पहले राष्ट्रपति कार्यकाल में उन्होंने कई कड़े कदम उठाए थे जो अप्रवासियों, खासकर अवैध अप्रवासियों के खिलाफ थे। यदि ट्रंप 2024 में फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो उनकी वापसी के साथ अवैध भारतीयों पर क्या असर पड़ेगा, इस पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
- अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत कई कदम उठाए थे जिनका उद्देश्य अवैध अप्रवासियों को देश से बाहर निकालना था। इसमें “बिल्डिंग दी वॉल” (मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाना), मास डिपोर्टेशन (बड़ी संख्या में अवैध अप्रवासियों का निर्वासन), और अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कानून लागू करना शामिल था। ट्रंप ने यह भी कहा था कि वह राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर अवैध अप्रवासियों को निकालने के लिए सैन्य बलों का उपयोग करेंगे। - भारत से अवैध अप्रवासियों पर प्रभाव
भारत से अवैध अप्रवासी मुख्यतः अमेरिका में उन लोगों के रूप में होते हैं जो वीज़ा उल्लंघन या अस्थायी वीज़ा समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रहते हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में इस तरह के अप्रवासियों के लिए सख्त नीतियां थीं, और उन्होंने डी-लिगलाइजेशन और डिपोर्टेशन के लिए कई उपायों का प्रस्ताव रखा था। - भारत से आने वाले अवैध अप्रवासी भी शामिल
सख्त वीज़ा नीतियां
ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में H1B वीज़ा पर भी कड़े प्रतिबंध लगाने की बात करते थे, जो भारतीय पेशेवरों के लिए प्रमुख वीज़ा श्रेणी है। हालांकि, यह मुख्यतः वैध अप्रवासियों के लिए था, फिर भी यह अप्रत्यक्ष रूप से अवैध अप्रवासियों पर भी असर डाल सकता है। ट्रंप ने अप्रवासियों से जुड़े कई कानूनों को लागू करने की योजना बनाई थी, जैसे सुरक्षा जांच और कार्यस्थल पर निरीक्षण। भारत से आने वाले अवैध अप्रवासी ऐसे निरीक्षणों का शिकार हो सकते हैं।कड़ी क़र्ज़ वसूली (Tough Debt Recovery)
ट्रंप प्रशासन ने पहले अवैध अप्रवासियों से जुड़े आर्थिक नीतियों को मजबूत किया था, जिसमें अवैध कामकाजी अप्रवासियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की जाती थी। अवैध भारतीय अप्रवासी, जो बिना काम की अनुमति के कार्यरत हैं, उन्हें भी इससे परेशानी हो सकती है।
भारत और अमेरिका के संबंध
बहरहाल डोनाल्ड ट्रंप का व्हाइट हाउस में वापसी का समय अमेरिका और दुनिया के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आ सकता है। उनके व्यापारिक दृष्टिकोण, विदेश नीति और घरेलू मुद्दों के बारे में उनके फैसले वैश्विक राजनीति को प्रभावित करेंगे। अब यह देखना होगा कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान अमेरिकी नीति कैसे विकसित होती है और दुनिया पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत हो सकते हैं, लेकिन अप्रवास नीति एक संवेदनशील मुद्दा हो सकता है। अगर ट्रंप अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हैं, तो इससे भारत के कई नागरिकों पर असर पड़ेगा, खासकर जो लंबे समय से अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं।
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