कनाडा: 35 फीसदी कम किए स्टूडेंट वीजा परमिट
कनाडा ने अगले दो सालों तक अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की संख्या पर लिमिट लगा दी है। अब सिर्फ 3,64,000 स्टडी परमिट अप्रूव किए जाएंगे। पिछले साल 5,60,000 स्टडी परमिट अप्रूव हुए थे। इससे बड़ी संख्या में भारतीयों के डिपोर्ट होने का खतरा बढऩे का अंदेशा है। स्टडी परमिट के लिए अपने पहले वर्ष के ट्यूशन और यात्रा लागतों को कवर करने के अलावा, अपने बैंक खातों में कनाडाई डॉलर 20,635 (12,60,700 रुपए) भी दिखाने होंगे। वहीं, कोर्स लाइसेंसिंग व्यवस्था के तहत प्रोग्राम में नामांकित विदेशी विद्यार्थी अब पोस्ट—ग्रेजुएट वर्क परमिट के पात्र नहीं होंगे।ब्रिटेन: डिपेंडेंट वीजा नियम खत्म करने का कदम
ब्रिटेन में विदेशी स्टूडेंट के लिए डिपेंडेंट वीजा नियम खत्म करने से अंतरराष्ट्रीय छात्र अपने परिवार के सदस्यों को ब्रिटेन लेकर नहीं ला सकेंगे। हालांकि, पीएचडी या फिर पोस्ट-डॉक्टरोल की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इस नियम से छूट दी गई। वीजा प्रतिबंधों से पढ़ाई पूरी करने से पहले काम शुरू करना भी बंद हो गया।ऑस्ट्रेलिया: आव्रजन नीतियों का वीजा पर असर
विदेशी स्टूडेंट के लिए वीजा शुल्क दोगुने से भी अधिक किया। वर्ष 2025 तक विदेशी छात्रों के पंजीकरण को 2,70,000 तक सीमित रखने की भी बात है। सरकार रेकॉर्ड माइग्रेशन पर लगाम लगाना चाहती है, जिससे कथित तौर पर घर के किराए की कीमतों में बढ़ोतरी हो चुकी है।अमरीका: इंटर्नशिप से लेकर खाना पूर्ति की बाधाएं
नए नियम के मुताबिक, विदेशी स्टूडेंट अपनी पढ़ाई के दौरान लगातार पांच महीने से ज्यादा देश से बाहर नहीं बिता सकते। इससे विद्यार्थियों के इंटर्नशिप से लेकर छुट्टियों तक के प्लान पर असर पड़ रहा है। एफ, एम और जे छात्र वीजा आवेदकों को प्रोफाइल बनाते समय पासपोर्ट जानकारी का उपयोग करना होगा।भारतीयों के टॉप 5 पसंदीदा देश
कनाडा: 4,27,000 विद्यार्थीअमरीका: 3,37,630 विद्यार्थी
ऑस्ट्रेलिया: 1,22,202 विद्यार्थी
जर्मनी: 42,997 विद्यार्थी
ब्रिटेन: 18,500 विद्यार्थी
अगस्त, 2024 को राज्यसभा मेें पेश आंकड़े