जब G-7 Summit की अध्यक्षता मिलेगी तब बताएंगे
मीडिया से बात करते हुए जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि वो इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी (Girogia Meloni) और सभी G-7 देशों के साथ काम करने को उतावले हैं जिन पर उन्होंने चर्चा की है। लेकिन जब ट्रूडो से ये पूछा गया कि क्या वो 2025 में अपने यहां होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को आमंत्रित करेंगे, तो ट्रूडो ने कहा कि ” मैं खुश हूं कि लोग अगले साल कनाडा में होने वाले इस G-7 समिट (G-7 Summit) के लिए उत्सुक हैं। हालांकि इस साल बाकी समय के लिए इटली के पास ही G-7 की अध्यक्षता है। आपने जो सवाल पूछा है कि उसके बारे में यही कह सकता हूं कि जब हमारे पास G-7 की अध्यक्षता आएगी, तभी इसके बारे में मैं ज्यादा बता पाऊंगा।
G-7 शिखर सम्मेलन में हुई थी मुलाकात
यानी कनाडा ने साफ तौर पर अभी भी नहीं कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यानी भारत के प्रतिनिधि को G-7 में आमंत्रित करेगा। ट्रूडो का ये बयान बीते शुक्रवार को इटली के अपुलीया में G-7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद आया है। भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बीच दोनों नेताओं के बीच ये पहली मुलाकात थी। जिसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था कि “G-7 शिखर सम्मेलन में कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात हुई।”
खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या से तनाव में आए रिश्ते
बता दें कि भारत के साथ कनाडा के संबंध उसके खालिस्तान की तरफ झुकाव के चलते बिगड़े हैं। पिछले साल कनाडा में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए ट्रूडो ने भारत को जिम्मेदार ठहराया था। ट्रूडो ने बिना किसी सबूत के कह दिया था कि भारत के एजेंट्स ने कनाडा में घुसकर कनाडा के नागरिक की हत्या की है। भारत ने कनाडा के इन आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था। गौरतलब है कि निज्जर को साल 2020 में भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने आतंकवादी घोषित कर दिया था। पिछले साल जून में निज्जर की एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कनाडा के कानानास्किस में होगा G-7 Summit 2025
बता दें कि अगले G7 नेताओं का शिखर सम्मेलन 2025 में कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कानानास्किस में आयोजित किया जाएगा। इस बार का G7 शिखर सम्मेलन 13-15 जून को इटली के अपुलीया क्षेत्र में आयोजित किया गया था, जहां भारत को ‘आउटरीच देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया था। G-7 मीटिंग में 7 सदस्य देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस की भागीदारी थी। साथ ही यूरोपीय संघ भी इसमें शामिल था।