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400 मौतें-हजारों बेघर: सूडान में क्यों भड़की है हिंसा, आखिर कैसे निकलेगा समाधान?

Sudan Violence: अफ्रीकी देश सूडान में भड़की हिंसा में अभी तक 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिंसा के कारण हजारों लोग बेघर हो गए। राजधानी खार्तूम सहित कई शहरों में जान-माल को भारी नुकसान हुआ है। करीब एक सप्ताह से जारी सूडान हिंसा की वजह क्या है? इसका समाधान कैसे होगा? आईए जानते हैं इस स्पेशल रिपोर्ट में।

Apr 23, 2023 / 09:32 am

Prabhanshu Ranjan

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Why violence has broken out in Sudan, UN Women urges action against sexual violence

Sudan Violence: सूडान पिछले एक सप्ताह से हिंसा की आग में झुलस रहा है। 15 अप्रैल से सूडान में शुरू हुई हिंसा में अभी तक 400 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी खार्तूम सहित सूडना के कई शहरों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। हजारों लोग बेघर हो गए। बम-गोलों की बारिश से बचने के लिए लोग अपने-अपने घरों में दुबक कर रहने को विवश हैं। आलम यह है कि राजधानी खार्तूम तक में कई अस्पताल तक बंद हो गए हैं। इस हिंसा के बीच भारत के भी कई लोग सूडान के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हैं। जिन्हें वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले उच्चस्तरीय बैठक की थी। इस हिंसा के कारण सबसे ज्यादा परेशानी सूडान की महिलाओं और बच्चों को हो रही है। यौन शोषण, बलात्कार जैसी घटनाएं यहां काफी बढ़ गई है। प्रग्नेंट महिलाओं को न डॉक्टर मिल रहे हैं और न क्लीनिक। इस विषम परिस्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग ने चिंता जताई है।


दुनिया के मानचित्र में कहां है सूडान?

सूडान अफ्रीका महादेश में है। 2011 के गृह युद्ध और दक्षिण सूडान के अलग होने से पहले तक सूडान अफ्रीकी महादेश का सबसे बड़ा देश हुआ था। इस देश की सीमाएं सात देशों से लगती है। सूडान के उत्तर में शक्तिशाली देश मिस्र तो पूर्व में इरिट्रिया और इथियोपिया है। अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिहाज से अहम लाल सागर सूडान के उत्तर-पूर्व में स्थित है। दक्षिण में दक्षिण सूडान स्थित जबकि पश्चिम में चाड और लीबिया है।

 

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सूडान में क्यों भड़की है हिंसा?


यूं तो सूडान में संघर्ष 2021 से ही चल रहा है। इसके पीछे नागरिक सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने की मांग है। लेकिन अभी जो हिंसा शुरू हुई है उसके पीछे मुख्य विवाद सेना और अर्धसैनिक बल ‘RSF’ के विलय को लेकर है। दरअसल आरएसएफ के जवानों को अपने लिए खतरा मानते हुए सेना ने पिछले सप्ताह इनकी तैनाती को बदलते हुए नई व्यवस्था शुरू की। इसे लेकर RSF जवानों में नाराजगी है।


2021 में सूडान में हुआ था तख्तापलट


सूडान में अक्तूबर 2021 में नागरिकों और सेना की संयुक्त सरकार का तख्तापलट हुआ था। जिसके बाद से ही सेना और अर्धसैनिक बल आमने-सामने हैं। इस समय सूडान की सत्ता सॉवरेन काउंसिल के जरिए सेना और RSF के हाथों में है। सरकार की असली कमान सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान के पास हैं। बुरहान एक तरह से देश के राष्ट्रपति हैं।

 
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दो जनरलों में चल रही टशन के कारण सूडान में हिंसा

सॉवरेन काउंसिल के डिप्टी और RSF प्रमुख मोहम्मद हमदान दगालो यानी हेमेदती देश के दूसरे नंबर के नेता हैं। इस समय सूडान में भड़की हिंसा के पीछे सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतेह अल बुरहान और RSF प्रमुख मोहम्मद हमदान दगालो के बीच चल रहा टशन है। करीब एक लाख की तादाद वाली रैपिड सपोर्ट फ़ोर्स के सेना में विलय के बाद बनने वाली नई सेना का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर सहमति नहीं बन पा रही है।


सूडान हिंसा के कारण महिलाओं की स्थिति दयनीय

सूडान में भड़की हिंसा के बीच यहां की महिलाओं और लड़कियों की जीवन बद से बदतर हो चुका है। स्थिति को भांपते हुए संयुक्त राष्ट्र महिला ने यौन हिंसा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र महिला की कार्यकारी निदेशक सिमा बाहौस ने कहा, जैसा कि सभी संकटों में होता है, सूडानी महिलाओं और लड़कियों के जीवन पर इस हिंसा का निश्चित रूप से भयानक प्रभाव पड़ेगा। हम सूडान के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और उनका समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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सूडान के अलग-अलग जगहों से आ रही यौन हिंसा की खबरें

संयुक्त राष्ट्र महिला की कार्यकारी निदेशक सिमा बाहौस ने कहा कि सूडान के अलग-अलग हिस्सों से यौन और ***** आधारित हिंसा की खबरें पहले से ही सामने आ रही हैं। मानवतावादी कार्यकर्ताओं, देखभाल करने वालों और संरक्षकों के रूप में सूडानी महिलाओं की ताकत एक प्रेरणा है। हमें युद्धविराम और शांति के लिए उनके आह्वान पर ध्यान देना चाहिए और उनके द्वारा किए जाने वाले हर काम में उनका समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।


राजधानी खार्तूम में 2.19 लाख प्रेग्नेंड महिलाएं

संयुक्त राष्ट्र महिला की अपील से एक दिन पहले, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने बताया कि संघर्ष से हजारों गर्भवती महिलाएं खतरे में है, तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए अपने घरों से बाहर निकलना बहुत खतरनाक हो गया है। यूएनएफपीए का अनुमान है कि राजधानी खार्तूम में 219,000 गर्भवती महिलाएं हैं, जिनमें से 24,000 महिलाओं की जल्द डिलीवरी होने वाली है।


हिंसा के कारण राजधानी में बंद हुई 20 अस्पताल

संघर्ष ने सूडान की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को भी नहीं बख्शा। खार्तूम में हिंसा के कारण कम से कम 20 अस्पतालों को मजबूरन बंद करना पड़ा है। अभी कुछ और अस्पतालों के बंद होने की आशंका हैं, क्योंकि वे बिजली और पानी की कटौती और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। डॉक्टर, नर्स और अस्पताल के कर्मचारी काम करने के लिए यात्रा करने में असमर्थ हैं और बाधाओं और चल रही लड़ाई के कारण महत्वपूर्ण मानवीय सहायता नहीं मिल पा रही है, जिससे चिकित्सा सुविधाएं कम हो रही हैं।

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