क्यों है ब्लिंकन का चीन दौरा अहम?
पिछले करीब एक साल से अमेरिका और चीन के संबंध ठीक नहीं रहे हैं। अमेरिका और चीन दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देशों में शामिल हैं। ऐसे में दोनों ही एक-दूसरे से आगे रहना चाहते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले पर चीन का अमेरिका के रूस पर लगाए प्रतिबंधों के बावजूद रूस का विरोध नहीं करना और समय-समय पर उनका समर्थन करना अमेरिका को सही नहीं लगा। इस वजह से दोनों देशों के संबंधों में दरार आई।
वहीं इस साल दोनों देशों के संबंधों में दरार और भी बढ़ गई। चीन के जासूसी बैलून का अमेरिका में मिलना हो, या फिर चीन के सीक्रेट पुलिस स्टेशंस का कुछ अमेरिकी शहरों में ऑपरेट होने की खबर, इन सभी से दोनों देशों के संबंधों में दरार आई। और रही-सही कसार ताइवान मुद्दे ने पूरी कर दी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद इस बात की अटकलें तेज़ हो गई कि चीन भी ताइवान पर हमला कर सका है। इस मामले में शुरू से अमेरिका ने ताइवान का समर्थन किया, जो चीन की रास नहीं आया। इससे दोनों देशों के संबंध काफी बिगड़ गए।
ऐसे में ब्लिंकन का यह चीन दौरा दोनों देशों में संबंधों को सुधारने के लिए काफी अहम है। खुद चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा है कि ब्लिंकन के इस दौरे से अमेरिका और चीन के बीच कई मुद्दों पर सकारात्मक वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए ब्लिंकन के इस दौरे पर प्रयास किए गए। ब्लिंकन के इस दौरे का ही नतीजा है कि चीन के विदेश मंत्री गांग के भी जल्द ही अमेरिका दौरे पर जाने की खबर है। ऐसे में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के एक-दूसरे के देश जाना दोनों देशों के संबंधों के लिए अच्छी बात है।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ब्लिंकन के इस दौरे से पहले अमेरिका और चीन के बीच संबंधों की जो नांव बीच समुद्र गोते खाती नज़र आ रही थी, ब्लिंकन के दौरे से उस नांव में स्थिरता आ गई है।