कौन हैं उमर अयूब खान?
पाकिस्तान में अयूब खान (Umar Ayub Khan) अब एक बड़ा नाम बन रहे हैं। उनके दादा मोहम्मद अयूब खान थे, जिन्होंने पाकिस्तान में पहला सैन्य तख्तापलट किया था। 1958 में मोहम्मद अयूब खान (Muhammad Ayub Khan) ने पाकिस्तान की सत्ता का तख्तापलट कर दिया था और फिर 1969 तक वो पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे। लेकिन अब उनके पोते उमर अयूब खान पाकिस्तान की उस पार्टी PTI का हिस्सा हैं, जो ये मानता है कि सत्ता से उनकी पार्टी को बेदखल करने में सेना का सबसे बड़ा हाथ है।
4 मार्च को जब पाकिस्तान की
संसद में प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे थे, तब उमर वहीं मौजूद थे, क्योंकि वो PTI की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनाए गए थे, उन्होंने अपनी डेस्क पर इमरान खान और PTI के पोस्टर चिपका रखे थे। शाहबाज़ के प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उमर ने अपने भाषण में कहा था कि आज पाकिस्तान में सब कुछ सड़ चुका है। पाकिस्तान की सेना का हाथ इमरान खान और उनकी पार्टी को सत्ता से बेदखल करने में प्रमुख तौर पर था। हालांकि पाकिस्तानी सेना इस बात को कभी नहीं मानती है।
उनका संसद में दिया हुआ भाषण इतना ज्यादा प्रभावी रहा कि अब उन्हें पार्टी के सबसे मजबूत संसदीय चेहरे के तौर पर स्थापित कर दिया है। यही नहीं वो अब पाकिस्तान की राजनीति में सेना की भूमिका को चुनौती देने वाली सबसे मजबूत ताकत के तौर पर भी उभरे हैं।
उमर अयूब खान के ये तेवर अपने दादा मोहम्मद अयूब खान से बिल्कुल जुदा हैं, एक तरफ मोहम्मद अयूब खान ने पाकिस्तान के नए-नवेले कथित लोकतंत्र को पहला विनाशकारी झटका दिया था, वो साल था 1958 का। जब अयूब खान मार्शल लॉ प्रशासक बने थे, और सैन्य तख्तापलट कर 11 साल तक पाकिस्तान पर राज किया था। ये अयूब खान की ही शुरुआत थी कि पाकिस्तान के 77 सालों में से 30 से ज्यादा सालों तक सैन्य शासकों ने सीधे तौर पर इस मुल्क पर हुकुमत की थी।
तो वहीं अब अयूब खान के पोते औऱ PTI के सदस्य उमर अयूब खान की लोकप्रियता ऐसी छवि के साथ बढ़ती जा रही है, जिस पर सवार होकर वो पाकिस्तान के लिए एक नई राह तलाश रहे हैं। गौरतलब है कि PTI ने इस चुनाव में सबसे ज्यादा 93 सीटें जीती थीं, जबकि PTI समर्थित निर्दलियों ने 150 से ज्यादा सीटें जीती थीं, लेकिन वो संसद में बहुमत हासिल नहीं कर पाए, और PML-N से शाहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री बन गए थे।
खैबर पख्तूनख्वा में है मजबूत पकड़
उमर अब्दुल्ला पाकिस्तान के खैबर पख़्तूनख्वा प्रांत में मजबूत पकड़ रखते हैं। उन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय से 1993 में ग्रेजुएशन किया फिर इसके बाद 1996 में पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री ली। यही नहीं वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने साल 2007 में उमर अयूब खान को ताकतवर वैश्विक युवा नेताओं की लिस्ट में शामिल किया था।