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Goldy Brar: पिता पुलिसकर्मी, बेटा कुख्यात आतंकी, जानिए कैसे अपराध की दुनिया का बादशाह बना गोल्डी बराड़?

कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) की कथित हत्या की जिम्मेदारी आतंकवादी और बराड़ के प्रमुख प्रतिद्वंदी अर्श डल्ला और लखबीर सिंह लांडा ने ली है। गोल्डी बराड़ को गोली मारने की साजिश इन्होंने ही रची थी। अर्श डल्ला और लखबीर भी कनाडा में अपना ठिकाना बनाए हुए हैं।

नई दिल्लीMay 01, 2024 / 05:00 pm

Jyoti Sharma

Goldy Brar

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मौत के मुख्य साजिशकर्ता कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ (Goldy Brar) की सरेआम ताबड़तोड़ गोली मारने की साजिश की जिम्मेदारी आतंकवादी अर्श डल्ला और खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह लांडा ने ली है। गोल्डी बराड़ पंजाब के मुक्तसर साहिब का रहने वाला है। उसका पूरा नाम सतिंदर सिंह बराड़ है। हैरानी की बात ये है कि बराड़ के पिता शमशेर सिंह पंजाब पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक थे। बावजूद इसके बराड़ अपराध की दुनिया में चला गया। वो 2017 में स्टूडेंट वीजा पर कनाडा (Canada) चला गया था। वहां जाकर उसने मनी एक्सटॉर्शन जैसी गतिविधियां तेज कर दी थीं। उस धन की उगाही, वसूली के लिए बड़े शख्सियतों के हत्या की साजिश, हथियारों की तस्करी के लिए पुलिस और खुफिया एजेंसिय़ों की हिट लिस्ट में आ गया था। 1 जनवरी 2024 को बराड़ को भारत सरकार ने आतंकी घोषित कर दिया।

ऐसे बराड़-बिश्नोई में हुई सांठ-गांठ

साल 2010 में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पंजाब यूनिवर्सिटी के कैंपस में गोल्डी बराड़ से मिला था, कहा जाता है कि बराड़ से मिलने के बाद बिश्नोई में गैरकानूनी कामों को लेकर आकर्षण बढ़ा। इसके बाद जब बराड़ कनाडा आ गया तो यहीं से बैठे हुए उसने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गैंग को संभाल लिया। उसने बिश्नोई के गैंग के साथ मिलकर भारत में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग और जबरन वसूली रैकेट चलाया। वो हत्या, हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के 50 से ज्यादा मामलों में वांटेड है। 

मूसेवाला की हत्या में आया नाम

2022 में गोल्डी बरार के खिलाफ इंटरपोल नोटिस जारी किया गया था इसके बाद जानकारी मिली कि वो अमेरिका भाग गया है हालांकि इस बात की पुष्टि आज तक नहीं हुई थी। इसके बाद पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद वो सुर्खियों में आ गया। मूसेवाला हत्याकांड में दायर 1,850 पन्नों की चार्जशीट के मुताबिक गोल्डी बरार ही हत्या का मास्टरमाइंड था। बराड़ ने दावा किया कि उसने एक छात्र नेता विक्की मिद्दुखेरा की मौत का बदला लेने के लिए मूसे वाला की हत्या करवाई थी।
गोल्डी पर फरीदकोट के युवा कांग्रेस नेता गुरलाल सिंह भुल्लर उर्फ ​​पहलवान की हत्या का भी आरोप है, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि उसने अपने चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या का बदला लेने के लिए ऐसा किया था। बरार पर 2015 के बरगारी बेअदबी मामले में एक आरोपी की हत्या का भी आरोप है।

लखबीर के साथ किया था काम

पिछले साल मार्च में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA  ने उन पर बब्बर खालसा इंटरनेशनल और कनाडा स्थित आतंकवादी लखबीर सिंह के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया था। बीते साल ही लखबीर सिंह लांडा को भारत ने आतंकवादी घोषित किया है। लांडा भी पंजाब के तरन तारन जिले का रहने वाला है। वो कनाडा के एडमंटन, अलबर्टा में रहता है। लांडा ने 2022 में मोहाली में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस हेडक्वार्टर पर ग्रेनेड हमला कराया था। वो पाकिस्तान से भारत में हथियारों और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस य़ानी IED  की तस्करी की निगरानी भी करता है। लखबीर भी इस मामले में पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA का मोस्ट वांडेट है। NIA ने लखबीर पर इनाम भी रखा है। 
लखबीर सिंह लांडा कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थक संगठन से भी जुड़ा हुआ है। बता दें कि इस संगठन से आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी जुड़ा हुए थे।

अर्श डल्ला का काला चिट्ठा

अर्श डल्ला के कनेक्शन पाकिस्तान के कुख्यात आतंकी लश्कर तक से है। भारत विरोधी कई गतिविधियों में वो लश्कर के साथ रहा है।  रिपोर्ट के मुताबिक अर्श डल्ला कनाडा में अपनी पत्नी और बेटी के साथ रह रहा है। अर्श डल्ला भारत के पंजाब के मोगा जिले के डल्ला गांव का रहने वाला है। कनाडा ने भारत को अर्शदीप डल्ला के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है हालांकि अभी उसे भारत नहीं ले जाया गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अर्शदीप डल्ला अभी सिर्फ 27 साल का है और इस उम्र में उसने विदेश में बैठकर खालिस्तान को इतनी हवा दे दी।
एक वक्त पर अर्श डल्ला का गोल्डी बराड़ के साथ घनिष्ठ संबंध रहा था। अर्श डल्ला  कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में आगे बढ़ गया। साल 2018 में उसका संपर्क कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से हुआ। जिसके बाद दोनों मिलकर पंजाब में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगे। अर्श दीप के लगातार इन काले कारनामों के चलते ही वो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की नजरों में आ गया। इसके बाद तो अर्शदीप निज्जर का एक तरह से चेला बन गया। साल 2021 में निज्जर ने अर्शदीप के साथ मिलकर खालिस्तानी टाइगर फोर्स का गठन किया। अर्श डल्ला NIA, दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस का मोस्ट वांटेड है। उसके 700 से ज्यादा शूटर्स भारत में एक्टिव हैं।

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