मिस्त्र के परिवार में जन्मा जवाहिरी
अल जवाहिरी का जन्म मिस्त्र के एक परिवार में हुआ था। 19 जून 1951 को जन्मे जवाहिरी का परिवार एक संपन्न परिवार माना जाता था। जवाहिरी को उसके मां-बाप ने पढ़ा लिखाकर डॉक्टर बनाया। जवाहिरी पेशे से सर्जन था।
14 की उम्र में मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बना
हालांकि बचपन से ही जवाहिरी की झुकाव जिहाद की ओर होने लगा था। 14 वर्ष की उम्र में ही वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था।
यह भी पढ़ें – काबुल में छिपा था 9/11 का आरोपी अल-जवाहिरी, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन बोले – ‘हमने ढूंढ कर मार दिया’ अल जवाहिरी की शादी में पुरुषों को औरतों से अलग रखा, हंसी-मजाक पर भी पाबंदी
1978 में अल जवाहिरी ने काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र की छात्रा अजा नोवारी से शादी की। उसकी शादी में पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया गया था। फोटोग्राफर तक को दूर रखा गया था, यहां तक कि पुरुषों को महिलाओं के साथ हंसी-मजाक पर भी पाबंदी लगाई गई थी। दरअसल जवाहिरी की सोच पुरुष प्रधान थी और वो अपनी शादी के दौरान इस बात को और स्पष्ट तौर पर जाहिर करना चाहता था, कि घर की औरतों का पराए मर्दों से मिलना-जुलना या सामने आना ठीक नहीं है।
इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद का किया गठन
अल जवाहिरी लगातार अपने कदम जिहाद की ओर बढ़ाता चला गया। उसने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का भी गठन किया।
अल जवाहिरी का जन्म मिस्त्र के एक परिवार में हुआ था। 19 जून 1951 को जन्मे जवाहिरी का परिवार एक संपन्न परिवार माना जाता था। जवाहिरी को उसके मां-बाप ने पढ़ा लिखाकर डॉक्टर बनाया। जवाहिरी पेशे से सर्जन था।
14 की उम्र में मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बना
हालांकि बचपन से ही जवाहिरी की झुकाव जिहाद की ओर होने लगा था। 14 वर्ष की उम्र में ही वो मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था।
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1978 में अल जवाहिरी ने काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र की छात्रा अजा नोवारी से शादी की। उसकी शादी में पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया गया था। फोटोग्राफर तक को दूर रखा गया था, यहां तक कि पुरुषों को महिलाओं के साथ हंसी-मजाक पर भी पाबंदी लगाई गई थी। दरअसल जवाहिरी की सोच पुरुष प्रधान थी और वो अपनी शादी के दौरान इस बात को और स्पष्ट तौर पर जाहिर करना चाहता था, कि घर की औरतों का पराए मर्दों से मिलना-जुलना या सामने आना ठीक नहीं है।
इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद का किया गठन
अल जवाहिरी लगातार अपने कदम जिहाद की ओर बढ़ाता चला गया। उसने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का भी गठन किया।
ये एक उग्रवादी संगठन था जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया था। वो चाहता था कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत का वर्चस्व हो।
मिस्त्र के राष्ट्रपति की हत्या में शामिल
अल जवाहिरी मिस्त्र के राष्ट्रपति की हत्या में भी शामिल था। दरअसल 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद जवाहिरी उन सैकड़ों लोगों में शामिल था, जिन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया। 3 साल जेल में रहने के बाद वो मिस्त्र छोड़कर सऊदी अरब आ गया।
मिस्त्र के राष्ट्रपति की हत्या में शामिल
अल जवाहिरी मिस्त्र के राष्ट्रपति की हत्या में भी शामिल था। दरअसल 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद जवाहिरी उन सैकड़ों लोगों में शामिल था, जिन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया। 3 साल जेल में रहने के बाद वो मिस्त्र छोड़कर सऊदी अरब आ गया।
ओसामा बिन लादेने से पहली मुलाकात
सऊदी आने के बाद जवाहिरी मेडिकल प्रैक्टिस करने लगा। सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई थी।
लादेन 1985 में अलकायदा को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के पेशावर गया हुआ था। इस दौरान अल जवाहिरी भी वहां पहुंचा। यहीं पर दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा।
सऊदी आने के बाद जवाहिरी मेडिकल प्रैक्टिस करने लगा। सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई थी।
लादेन 1985 में अलकायदा को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के पेशावर गया हुआ था। इस दौरान अल जवाहिरी भी वहां पहुंचा। यहीं पर दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा।
2001 में EIJ का अलकायदा में शामिल
जवाहिरी ने अपने उग्रवादी संगठन EIJ को वर्ष 2001 में अल शामिल कर लिया। इसके बाद दोनों मिलकर दुनिया को दहलाने की कोशिश में जुट गए।
लादने की मौत के बाद अलकायदा की कमान संभाली
अल जवाहिरी ने धीरे-धीरे अलकायदा में अपने पैर इतने जमा लिए कि वो ओसामा बिन लादेन का दाहिना हाथ बन गया। अमरीका हमले के बाद जब अमरीका ने ओसामा को मार गिराया तो अलकायदा की कमान अल जवाहिरी के हाथ में आ गई। हालांकि तभी से ही जवाहिरी अमरीका के राडार पर था, जिसे मार कर अब अमरीका ने अपना बदला पूरा किया।
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जवाहिरी ने अपने उग्रवादी संगठन EIJ को वर्ष 2001 में अल शामिल कर लिया। इसके बाद दोनों मिलकर दुनिया को दहलाने की कोशिश में जुट गए।
लादने की मौत के बाद अलकायदा की कमान संभाली
अल जवाहिरी ने धीरे-धीरे अलकायदा में अपने पैर इतने जमा लिए कि वो ओसामा बिन लादेन का दाहिना हाथ बन गया। अमरीका हमले के बाद जब अमरीका ने ओसामा को मार गिराया तो अलकायदा की कमान अल जवाहिरी के हाथ में आ गई। हालांकि तभी से ही जवाहिरी अमरीका के राडार पर था, जिसे मार कर अब अमरीका ने अपना बदला पूरा किया।
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