उन्होंने कहा कि ट्रंप के समर्थकों की हिंसक श्वेत भीड़ के संसद के संयुक्त सत्र के दौरान यूएस कैपिटल हिल पर धावा बोलने के कारण सभी प्रतिनिधि ग्राउंड यूएस कैपिटल बिल्डिंग के बंकर में जाने के लिए मजबूर हो गए थे,तब महसूस हुआ था कि दुनिया के पुराने लोकतंत्र और सुरक्षा तंत्र की चूलें हिल गई थीं। दरअसल अमरीका में श्वेत-अश्वेत समुदाय में दरार तो पहले ही पड़ चुकी थी। उस समय भीड़ ने इमारत में प्रवेश किया और पुलिस ने एक श्वेत महिला को गोली मार दी थी। उस समय यह महसूस किया गया कि श्वेतों और अल्पसंख्यकों के बीच की खाई और चौड़ी हो गई।
NRI Special : Gujarat tourism अगर आपको टूरिज्म का शौक है तो गुजरात के इन पर्यटन स्थलों पर जाना न भूलें
लोकतांत्रिक सच यह है कि पिछली बार इलेक्टोरल कॉलेज पहले ही डेमोक्रेट बाइडेन को मिले 306 और रिपब्लिकन ट्रंप को 232 अंक के साथ परिणाम घोषित कर चुके थे। आखिर वीपी पेंस ने बाइडेन की जीत की घोषणा की थी। ट्रंप ने बिना किसी ठोस सुबूत के चुनाव में धोखाधड़ी होने का दावा किया था, तभी ये हालात बने। उस समय स्थितियां इतनी बिगड़ी गई थीं कि लगभग 1000 नेशनल गार्डस को बुलाना पड़ा था। इस बार (presidential elections 2024)) कानून और व्यवस्था की हालत सही है और स्वच्छ लोकतंत्र और स्वस्थ चुनाव का माहौल है।
लोकतांत्रिक सच यह है कि पिछली बार इलेक्टोरल कॉलेज पहले ही डेमोक्रेट बाइडेन को मिले 306 और रिपब्लिकन ट्रंप को 232 अंक के साथ परिणाम घोषित कर चुके थे। आखिर वीपी पेंस ने बाइडेन की जीत की घोषणा की थी। ट्रंप ने बिना किसी ठोस सुबूत के चुनाव में धोखाधड़ी होने का दावा किया था, तभी ये हालात बने। उस समय स्थितियां इतनी बिगड़ी गई थीं कि लगभग 1000 नेशनल गार्डस को बुलाना पड़ा था। इस बार (presidential elections 2024)) कानून और व्यवस्था की हालत सही है और स्वच्छ लोकतंत्र और स्वस्थ चुनाव का माहौल है।