ऐसे हालात पहली बार पैदा नहीं हुए हैं
अफगानिस्तान में वर्तमान समय में जो हालात हैं वो पहले भी देखे जा चुके हैं। 1996 में जब तालिबान (Taliban) ने पहली बार अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किया था। उस समय भी आतंक और अफरा-तफरी के ऐसे ही हालात अफगानिस्तान में पैदा हो गए थे जो वर्तमान में हुए हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि अफगानिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अपनी जान बचाकर देश छोड़ने में कामयाब रहें। पर 1996 में तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नज़ीबुल्लाह ऐसा नहीं कर पाए थे और तालिबान ने उन्हें बेरहमी से मारकर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन के बाहर ट्रैफिक लाइट के एक खंभे से लटका दिया था।
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