जापानी कब्ज़ा (1910-1945)
20वीं सदी की शुरुआत में, कोरिया पर जापान (Japan) का कब्ज़ा था, जो 1910 से 1945 तक चला। इस दौरान कोरिया (Korea) ने जापानी औपनिवेशिक शासन के तहत काफी अत्याचार और शोषण झेला।द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विभाजन (Conflict Between North And South Korea)
1945 में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त (2nd World War) होने पर जापान की हार हुई और कोरिया आज़ाद हो गया। लेकिन कोरिया की आजादी के बाद, उसे अमेरिका और सोवियत संघ के बीच बांट दिया गया। 38वें समानांतर रेखा (कोरिया को बीच से बांटने वाली रेखा) के उत्तर में सोवियत संघ (Soviet Union) का प्रभाव था (उत्तर कोरिया) और दक्षिण में अमेरिका का (दक्षिण कोरिया)। कोरिया का ये बंटवारा अस्थायी माना गया था। लेकिन इस बंटवारे बाद कोरिया को एक करने की कोशिशें नाकाम रह गईं।उत्तर और दक्षिण कोरिया का गठन
1948 में, राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों के चलते कोरिया (Conflict Between North And South Korea) दो अलग-अलग देशों में बंट गया- 1- उत्तर कोरिया (North Korea) में, किम इल-सुंग की अगुवाई में एक समाजवादी राज्य स्थापित हुआ, जिसका समर्थन सोवियत संघ और चीन ने किया। 2- दक्षिण कोरिया (South Korea) में, ली सिंग-मन की अगुवाई में एक लोकतांत्रिक राज्य स्थापित हुआ, जिसका समर्थन अमेरिका ने किया।
कोरियाई युद्ध (1950-1953) (Korean Conflict)
इस विभाजन के बाद, तनाव बढ़ता गया और 25 जून 1950 को उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर आक्रमण कर दिया। (Korean Conflict) ये संघर्ष कोरियाई युद्ध में बदल गया। संयुक्त राष्ट्र, खासकर अमेरिका, ने दक्षिण कोरिया की मदद की, जबकि चीन और सोवियत संघ ने उत्तर कोरिया का समर्थन किया।युद्ध का अंत और वर्तमान हालात
27 जुलाई 1953 को युद्धविराम संधि पर हस्ताक्षर किए गए, लेकिन कोई औपचारिक शांति संधि नहीं हुई। इसका नतीजा ये हुआ कि दोनों देश तकनीकी तौर पर अभी भी युद्ध में हैं। युद्धविराम रेखा (Demilitarized Zone – DMZ) के दोनों ओर सैन्य बल तैनात हैं और समय-समय पर दोनों पक्षों के बीच तनाव और संघर्ष होते रहते हैं।दुश्मनी की वजह
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच दुश्मनी (Conflict Between North And South Korea) की एक नहीं बल्कि कई अहम वजहें हैं- 1- अलग विचार– उत्तर कोरिया एक समाजवादी राज्य है, जबकि दक्षिण कोरिया एक पूंजीवादी लोकतंत्र है। इन वैचारिक मतभेदों ने दोनों देशों के बीच बंटवारे को और गहरा कर दिया है। 2- सियासी दुश्मनी– दोनों देश एक-दूसरे की सरकारों को अवैध मानते हैं। उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया को अमेरिका का कठपुतली मानता है, जबकि दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया के शासन को निरंकुश मानता है। 3- सैन्य तनाव– दोनों देशों के बीच आए दिन सैन्य झड़पें और सीमा पर तनाव होता रहता है। दोनों पक्ष बड़े पैमाने पर सैन्य तैयारियों में लगे रहते हैं।
4- परमाणु कार्यक्रम– उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार कार्यक्रम भी इस विवाद का अहम वजह है। दक्षिण कोरिया और उसके सहयोगी देश, खातौर पर अमेरिका, उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं।
5- मानवाधिकार मुद्दे– उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों के हनन की खबरें भी दक्षिण कोरिया और इंटरनेशनल लेवल पर चिंता का विषय है।