G-7 के सदस्य देश
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) कनाडा (Canada) फ्रांस (France) जर्मनी (Germany) इटली (Italy) जापान (Japan) यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) बता दें कि 1975 में संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, और यूनाइटेड किंगडम ने मिलकर इस G-7 की स्थापना की थी। तब ये G-6 था। इसके बाद 1976 में कनाडा इस ग्रुप में शामिल हो गया। जिससे ये G-7 बन गया। इसके बाद 1997 में रूस इस ग्रुप में शामिल हो गया था जिसके बाद ये G-8 बन गया था लेकिन सन् 2014 में रूस के क्रीमिया के जबरन यूक्रेन से छीनने के बाद रूस को इस ग्रुप से हटा दिया गया। तब से ये ग्रुप फिर G-7 का हो गया। G-7 का मुख्यालय हर साल अलग-अलग देश में होता है, जिसमें सदस्य देशों के नेता एक साथ आते हैं (G-7 Summit) और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। हर साल हर एक देश को इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी मिलती है।क्या है G-7 का काम?
G-7 (Group of Seven) शिखर सम्मेलन में आमतौर पर वैश्विक आर्थिक नीतियों, सुरक्षा, पर्यावरण, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होती है। सदस्य देशों के अलावा, विशेष आमंत्रित देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भी शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाता है। G-7 (Group of Seven) का मुख्य कार्य वैश्विक आर्थिक स्थिरता और विकास को बढ़ावा देना है। ये समूह प्रमुख औद्योगिक देशों का एक मंच है, जो इन उद्देश्यों पर काम करता है वैश्विक आर्थिक नीति– सदस्य देशों के बीच समन्वय और सहयोग को बढ़ावा देना। वित्तीय स्थिरता– वित्तीय बाजारों की स्थिरता और विकास को सुनिश्चित करना। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार– व्यापार नीतियों को समन्वित करना और मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना।
पर्यावरण और जलवायु– पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर काम करना। सामाजिक विकास– स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीबी उन्मूलन जैसे सामाजिक मुद्दों पर ध्यान देना। इस समूह के सदस्य देशों के नेता हर साल होने वाले शिखर सम्मेलन में मिलते हैं। जहां वो इन अहम मुद्दों पर चर्चा करते हैं और इनके समाधान का रास्ता तलाशते हैं।