अपराध करने वाले युवकों की उम्र 16 और 17 साल बताई जा रही है। इन युवकों को मौत की सजा देने के दौरान स्थानीय लोगों को उसे देखने के लिए मजबूर किया गया, इसके साथ हीं उन्हें चेतावनी भी दी गई। चीन से सटे सीमाई कस्बे हेसन के एक निवासी ने बताया, “किम सरकार के अधिकारियों ने कहा कि जो लोग दक्षिण कोरियाई फिल्मों या नाटक को देखते हैं या उसे वितरित करते हैं, उन्हें माफ नहीं किया जाएगा। ऐसे लोगों को अधिकतम मौत की सजा दी जाएगी।”
उत्तर कोरिया में इस तरह से मौत की सजा दी जाती रही है। उत्तर कोरियाई प्रशासन इस तरह से मौत की सजा देकर लोगों को डराने की कोशिश करता है, ताकि वे उनके मुताबिक व्यवहार करें। दो साल पहले एक नॉर्थ कोरियाई लड़की योनमी पार्क ने अपने देश और यहां के तानाशाह की क्रूरता के दिल दहला देने वाले किस्से बयां किए थे। उसने बताया था कि हॉलीवुड या फिर दूसरे देशों की मूवी देखने पर यहां गोली मार दी जाती है।
दरअसल, उत्तर कोरिया में इन दिनों दक्षिण कोरिया और पश्चिमी देशों की फिल्में, म्यूजिक और टीवी शो का बहुत क्रेज है। इसे यूएसबी फ्लैश ड्राइव और एसडी कार्ड के जरिए चीन के रास्ते तस्करी किया जाता है। दक्षिण कोरिया की संस्कृति के प्रसार से उत्तर कोरिया बहुत परेशान है। इससे परेशान होकर किम जोंग उन के प्रशासन ने एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया था। इस सभा में प्रशासन ने जनता से कहा था कि वे विदेशी मीडिया से जुड़े अपराध पर कठोर ऐक्शन लेने जा रहे हैं। इसमें खासतौर पर दक्षिण कोरिया का जिक्र किया गया था।
बता दें, उत्तर कोरिया शासन शुरू से ही विदेशी फिल्मों से नफरत करता रहा है। 2015 में, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने असंतोष को रोकने के लिए सभी कैसेट टेप और सीडी को नष्ट करने का आदेश दिया था, इसके साथ ही इन पर प्रतिबंधित लगा दिया था। अमेरिकी फिल्में देखने या अश्लील साहित्य बांटने पर मौत की सजा हो सकती है। उत्तर कोरिया में टीवी पर केवल तीन चैनल हैं और जिसे सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
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