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75 वर्षों से भीख का कटोरा लेकर भटक रहे, मित्र देश भी ‘थके’ हमसे: पाक पीएम शहबाज शरीफ

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर कहा है कि पाकिस्तान की हालत अंतरराष्ट्रीय भिखारी जैसी हो गई है और अब मित्र देश भी पाकिस्तान को भिखारी की तरह ही देखने लगे हैं। बता दें, इसके पहले भी शहबाज शरीफ ये कह चुके हैं कि असली स्वतंत्रता आर्थिक आत्मनिर्भरता से आती है और पाकिस्तान के पास ये नहीं है…पिछले दिनों शहबाज शरीफ का ये बयान भी काफी चर्चा में थी कि ‘Beggars can’s be choosers’। यही नहीं, पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान भी एकाधिक मौकों पर पाकिस्तान को भिखारी बता चुके हैं।

Sep 16, 2022 / 12:21 pm

Swatantra Jain

प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर दोहराया है कि पाकिस्तान की स्थिति अंतरराष्ट्रीय भिखारी जैसी हो गई है, जिससे अब सभी देश कतराने लगे हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए देश की अर्थव्यवस्था की निराशाजनक तस्वीर पेश की और खेद व्यक्त किया कि ”मित्र देशों ने भी पाकिस्तान को एक ऐसे देश के रूप में देखना शुरू कर दिया था जो हमेशा पैसे मांगता है।” आज, जब हम किसी मित्र देश में जाते हैं या फोन करते हैं, तो वे सोचते हैं कि हम पैसे मांगने आए हैं,” प्रधान मंत्री ने वकीलों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए खेद व्यक्त किया।
‘डिफाल्ट’ के कगार पर, बाढ़ से बिगड़े देश के हालात
पीएम शरीफ ने कहा कि बाढ़ से पहले ही देश की अर्थव्यवस्था ‘चुनौतीपूर्ण स्थिति’ का सामना कर रही थी, जिसने इसे और अधिक ‘जटिल’ बना दिया था। उन्होंने कहा कि अप्रैल में जब उन्होंने सत्ता संभाली तो पाकिस्तान ‘आर्थिक डिफाल्ट’ के कगार पर था और गठबंधन सरकार ने अपनी कड़ी मेहनत से देश को डिफाल्ट होने से बचाया और ‘कुछ हद तक आर्थिक अस्थिरता को नियंत्रित किया’।
महंगाई के लिए पिछली सरकार दोषी

यह स्वीकार करते हुए कि मुद्रास्फीति ‘अपने चरम पर’ है, प्रधानमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से इस घटना के लिए पाकिस्तान की पिछली तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले शासकों ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ समझौते का उल्लंघन किया था, जिससे मौजूदा सरकार को कठिन शर्तों पर सहमत होने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि आईएमएफ ने सहमति की शर्तों को पूरा नहीं करने पर अपने कार्यक्रम को वापस लेने की भी धमकी दी थी।
75 साल से हाथ में कटोरा, छोटी अर्थव्यवस्थाओं ने भी छोड़ा पीछे

शरीफ ने कहा कि छोटी अर्थव्यवस्थाओं ने भी पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है, और हम पिछले 75 वर्षों से भीख का कटोरा लेकर भटक रहे हैं। उन्होंने वकीलों से कहा कि इस क्षेत्र में ऐसे देश थे जिनकी जीडीपी पाकिस्तान की वृद्धि से कम थी, लेकिन वर्तमान में वे निर्यात के मामले में बहुत आगे हैं। पीएम ने कहा कि, यह एक चुटकी लेने वाला सवाल है कि , 75 साल बाद आज पाकिस्तान कहां खड़ा है? … हम हर समय एक ही घेरे में घूम रहे हैं।
देश अभी नहीं तो कभी नहीं के हाल में

पीएम शहबाज ने कहा, यह घोषणा करते हुए कि देश ‘अभी या कभी नहीं’ की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि देश में क्षमता है लेकिन ‘करने की इच्छाशक्ति की कमी है’। प्रधान मंत्री ने आने वाली सर्दियों में संभावित गैस संकट की चेतावनी देते हुए कहा कि वह सर्दियों के मौसम के आगमन से पहले गैस की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ ने देश में अभूतपूर्व तबाही मचाई है, यह कहते हुए कि इस तरह की जलवायु से प्रेरित तबाही दुनिया में कहीं भी नहीं देखी गई है।
इससे पहले उन्होंने आवास परियोजना में आवासीय भूखंडों के लिए वरिष्ठ वकीलों के बीच आवंटन पत्र वितरित किए और संघीय सरकारी कर्मचारियों के लिए भूखंडों का मतदान किया।

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पाकिस्तान में पहले भी उठ चुका है भिखारी होने का मुद्दा
बता दें, ये पहली बार नहीं जब पाकिस्तान के भिखारी होने का मुद्दा खुद वहाँ के ही नेताओं ने सार्वजनिक मंच से उठाया है। पाकिस्तान में पीटीआई के नेता फहीम खान ने तो पाक संसद के अंदर से वीडियो बनाकर एक वीडियो में ये दावा कर दिया था कि शहबाज शरीफ अंतरराष्ट्रीय भिखारी हैं…आज भी ये वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है। इसके पहले भी शरीफ पाक पीएम इमरान खान को भिखारी बता चुके हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों के सामने हाथ फैलाए खड़े रहता है। यही नहीं, तब यह भी चर्चा में था गूगल पर beggar सर्च करने पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की तस्वीर आती है।

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