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आरक्षण पर जारी भीषण हिंसा, अब तक 35 की मौत, 300 भारतीयों का पलायन

Bangladesh Violence: प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकारी टीवी चैनल की इमारत को आग के हवाले कर दिया। सरकारी चैनल के मुख्यालय के रिसेप्शन भवन और बाहर खड़े वाहनों में आग लगा दी गई। 

नई दिल्लीJul 19, 2024 / 11:37 am

Jyoti Sharma

Bangladesh Violence

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में इन दिनों नौकरी में आरक्षण में कोटा को लेकर भीषण हिंसा का दौर जारी है। सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों का दंगा पुलिस पर भारी पड़ रहा है। बीते 4 दिनों से चल रही इस हिंसा में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। माहौल इतना खराब हो गया है कि वहां से भारतीय समेत कई विदेशी पलायन करने लगे हैं। बांग्लादेश की स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 300 भारतीयों ने बांग्लादेश से पलायन कर भारत के मेघालय में शरण ली है। वहीं कुछ रिपोर्ट्स ये भी बता रही हैं कि पलायन करने वालों में नेपाल और भूटान के लोग भी शामिल हैं।

सरकारी टीवी चैनल की इमारत में लगाई आग

राजधानी ढाका में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अकेले गुुरुवार को हुई झड़पों (Bangladesh Violence) में 25 और लोग मारे गए। वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने बांग्लादेश के सरकारी टीवी चैनल की इमारत को आग के हवाले कर दिया। सरकारी चैनल BTV के मुख्यालय के रिसेप्शन भवन और बाहर खड़े वाहनों में आग लगा दी गई थी। 
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियां, आंसू गैस और शोरगुल वाले ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रही है। हिंसा के कारण राजधानी में मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। सरकार ने इंटरनेट बंद करने का भी आदेश दिया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजधानी सहित पूरे देश में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को तैनात किया गया है।

भारतीय उच्चायोग ने जारी की एडवाइज़री

बांग्लादेश में बढ़ती अशांति के बीच ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि बढ़ती हिंसा की वजह से वहां रह रहे लोग घर से बाहर निकलने से बचें और आवाजाही कम करें। नागरिकों की सहायता के लिए उच्चायोग ने 24 घंटे की सेवा वाले कुछ आपातकालीन संपर्क नंबर भी जारी कर दिए हैं। कानून मंत्री अनीसुल हक ने बीती गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उन्हें और शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी को इस चर्चा की जिम्मेदारी सौंपी है।

सरकार से नहीं होगी कोई बात, बस आरक्षण में कोटा रद्द करें- प्रदर्शनकारी 

इधर प्रदर्शनकारियों के एक प्रवक्ता ने बाद में कहा कि वे अब सरकार और नजमुल हसन के साथ कोई बातचीत नहीं करेंगे। हमारी बस एक ही मांग है कि सरकारी नौकरियों में कोटा रद्द करने के लिए एक गजट अधिसूचना तत्काल जारी की जाए। 

क्यों हो रहा प्रदर्शन?

इधर प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी की छात्र शाखा, बांग्लादेश छात्र लीग पर उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर हमला करने का आरोप लगाया है। ये दंगा प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी 1971 के युद्ध नायकों के परिवारों के लिए कोटा रखने के पक्ष में है। जिसका ये प्रदर्शनकारी विरोध कर रही हैं। 
पूरी खबर यहां पढ़ेंबांग्लादेश में आरक्षण में कोटा का क्यों हो रहा विरोध, प्रदर्शनकारियों की क्या है मांग 

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