खुद को नेता नहीं मानती माईपी-क्लार्क
माईपी-क्लार्क खुद को नेता नहीं बल्कि माओरी भाषा के संरक्षक के मानती हैं और उनका मानना है कि माओरी की नई पीढ़ी की आवाज को सुनने की जरूरत है। मालूम हो कि माओरी भाषा न्यूज़ीलैण्ड में बोली जाने वाली एक पॉलिनीशियाई भाषा है।
21 वर्षीय हाना-राविती माईपी-क्लार्क1853 के बाद से न्यूजीलैंड की सबसे कम उम्र की सांसद हैं। माईपी क्लार्क पिछले साल अक्टूबर में यहां के सांसद नानाया महुता को हराने के बाद न्यूजीलैंड की संसद के लिए चुनी गईं। अब माईपी क्लार्क न्यूजीलैंड के अधिकारों के लिए सिस्टम से लड़ रही हैं ।
माईपी क्लार्क ने अपने जोरदार स्पीच में कहा, ‘संसद में आने से पहले मुझे कुछ सलाह दी गई थी कि मैं किसी भी बात को व्यक्तिगत रूप से न लूं। ठीक है, मैं इस सदन में कही गई हर बात को व्यक्तिगत रूप से लेने के अलावा कुछ नहीं कर सकती।’