अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा- कहीं फिर ना उभर जाए चरमपंथ
सीरिया पर विद्रोही गुट के कब्जे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने बयान जारी किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि अल-असद के शासन का पतन “न्याय का मौलिक कार्य” है। इस शासन का पतन सीरियाई लोगों के लिए अपने राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए ऐतिहासिक मौका है जिसे लोगों को फायदा उठाना चाहिए। बाइडेन ने अमेरिका के सीरिया की नई होने वाली सरकार के साथ मिलकर काम करने को भी कहा। जो बाइडेन ने ये भी कहा कि असद के सत्ता से हटने से इस्लामिक चरमपंथ फिर से उभर सकता है लेकिन अमेरिका ऐसा होने नहीं देगा। जा बाइडेन की इस बयान के बाद ही रात होते-होते अमेरिका ने सीरिया पर एयरस्ट्राइक शुरू कर दी। अमेरिका ने ये हमले सेंट्रल सीरिया में इस्लामिक स्टेट यानी ISIS आतंकियों के दर्जनों ठिकानों पर किए हैं। सीरिया में 900 अमेरिकी सैनिक काम कर रहे हैं।
इजरायल ने क्यों शुरू कर दी बमबारी
अमेरिका के हमलों के बीच इजरायल के भी सीरिया में एयरस्ट्राइक की खबर आई। इजरायल ने दक्षिणी सीरिया के दारारा और सुवेदा इलाकों में कई एयरस्ट्राइक की है। इसके अलावा सीरिया-इज़रायल सीमा और राजधानी दमिश्क के पास मेज़ेह एयरबेस पर भी अटैक किया। य़े अटैक सुवेदाम में खालखाला एयरबेस को निशाना बनाते हुए किया गया है। दा टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने सीरिया में किए हवाई हमलों में घातक हथियारों के बेस को ही नष्ट कर दिया। रिपोर्ट का कहना है कि ये हमले इजरायल ने इसलिए किए क्योंकि इजरायल को डर था कि कहीं ये हथियार असद के पतन के बाद गलत हाथों यानी ISIS जैसे चरमपंथी समूहों के हाथ ना लग जाएं। इजरायल के रक्षा सूत्रों का हवाला देते हुए द टाइम्स ऑफ इजरायल ने बताया कि देश के युद्धक विमानों ने हथियारों में उन्नत मिसाइल भंडारण स्थल, वायु रक्षा प्रणालियाँ और हथियार उत्पादन सुविधाओं को नष्ट कर दिया है। इज़राइल ने शनिवार-रविवार की रात को एक रासायनिक हथियार स्थल पर भी हमला किया है।