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Gautam Adani: अमेरिकी न्याय विभाग ने गौतम अडाणी पर लगे रिश्वत के आरोपों को किया खारिज

Gautam Adani: अडाणी ग्रुप की स्टॉ़क एक्सचेंज में जामा की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के न्याय विभाग ने भारतीय बिजनेस टाइकून गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर पर रिश्वत का कोई आरोप नहीं लगाया है।

नई दिल्लीNov 27, 2024 / 03:41 pm

Jyoti Sharma

USA DOJ dismiss bribery charges against Gautam Adani and Sagar Adani

Gautam Adani: रिश्वत आरोपों से घिरे भारतीय बिजनेस टाइकून गौतम अडाणी को अमेरिका ने एक बड़ी राहत दे दी है। अमेरिका के न्याय विभाग (Department of Justice) ने गौतम अडाणी उनके भतीजे सागर अदाणी और वरिष्ठ अधिकारी विनीत जैन पर कोई रिश्वत लेने का आरोप नहीं लगाया है। ये जानकारी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने स्टॉक एक्सचेंज में जमा की गई ताजा रिपोर्ट में दी है। अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने दावा किया है कि अडाणी अधिकारियों पर रिश्वत या भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाली सभी खबरें ‘गलत’ हैं। अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने अपनी फाइलिंग में कहा है कि अदाणी अधिकारियों पर रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोपों की खबरें ‘गलत’ हैं।

मीडिया की ‘गलत समझ’ ने लगाया रिश्वत का आरोप

रिपोर्ट के मुताबिक “कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि “DOJ के अभियोग को लेकर विदेशी और भारतीय मीडिया की गलत समझ, अडाणी के डायरेक्टर्स पर अमेरिकी DOJ (न्याय विभाग) और SCE के भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों के बारे में गलत और लापरवाह रिपोर्टिंग का कारण बना है। हमारे डायरेक्टर्स, गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। ऐसे दावे पूरी तरह गलत हैं। गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन पर अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) के आरोपपत्र या अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) के सिविल कंप्लेंट में FCPA के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया है।”

काउंट में अडाणी पर रिश्वत का आरोप ही नहीं

किसी कानूनी अभियोग में “काउंट” का मतलब अभियुक्त के खिलाफ लगाए गए व्यक्तिगत आरोपों से होता है। DOJ के अभियोग में 5 काउंट (आरोप) हैं, लेकिन काउंट एक- ‘‘FCPA का उल्लंघन करने की साजिश’’ में गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन का नाम नहीं है और इन्हें इस काउंट से बाहर रखा गया है। इसी तरह, काउंट 5 में ‘‘न्याय में रुकावट डालने की साजिश’’ (पेज 41) में भी इन तीनों का नाम नहीं है।
अभियोग का काउंट एक, जो भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों से संबंधित है, में केवल एज्युर पावर और CDPQ (क्यूबेक का एक कनाडाई संस्थागत निवेशक और एज्युर का सबसे बड़ा शेयरधारक) के रंजीत गुप्ता, सिरिल कैबनेस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल का नाम है। इस काउंट में किसी भी अडाणी अधिकारी का नाम अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने नहीं लिया है। अदाणी अधिकारियों पर केवल काउंट 2- “कथित सिक्योरिटीज धोखाधड़ी साजिश”, काउंट 3- “कथित वायर धोखाधड़ी साजिश”, और काउंट 4- “कथित सिक्योरिटीज धोखाधड़ी” के आरोप लगाए गए हैं।

DOJ के पास अडाणी के रिश्वत लेने का कोई प्रमाण नहीं

DOJ के अभियोग में यह कोई प्रमाण नहीं है कि अदाणी अधिकारियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी थी। अभियोग और शिकायत केवल इस बात पर आधारित हैं कि रिश्वत देने का वादा किया गया था या उस पर चर्चा की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि “यह सब केवल अनुमान और एज्युर पावर और सीडीपीक्यू के पूर्व कर्मचारियों की सुनी-सुनाई बातों पर आधारित है, जिससे अमेरिकी डीओजे और यूएस एसईसी द्वारा अदाणी के खिलाफ की गई कार्रवाई कानूनी और नैतिक रूप से बहुत कमजोर बनती है।”
अमेरिका की बिना आधार वाली कार्रवाई और लापरवाह गलत रिपोर्टिंग के कारण भारतीय समूह को अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का रद्द होना, वित्तीय बाजार पर असर और रणनीतिक साझेदारों, निवेशकों और जनता द्वारा अचानक जांच-पड़ताल जैसे बड़े नुकसान उठाने पड़े हैं।

अडाणी ग्रुप को 55 बिलियन डॉलर का हुआ नुकसान

बता दें कि अडाणी ग्रुप भारत की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जिसकी ग्लोबल एनर्जी और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में बड़े ऑपरेशंस हैं। पिछले कुछ सालों में, यह भारतीय समूह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने काम को बढ़ा रहा है और अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका, इज़राइल, ऑस्ट्रेलिया आदि में कई अमेरिकी और चीनी कंपनियों से सीधी प्रतिस्पर्धा कर रहा है। अमेरिकी DOJ के अभियोग की जानकारी मिलने के बाद से, इस समूह को अपनी 11 लिस्टेड कंपनियों में लगभग 55 बिलियन डॉलर का बाजार मूल्य नुकसान झेलना पड़ा है।
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