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American Presidential Elections : इस भारतवंशी व्यक्ति ने बताया, बाइडन और ट्रंप में से किसका पलड़ा है भारी?

Us Presidential Elections : अमरीका में पिछले राष्ट्रपति चुनाव भी दिलचस्प थे और इस बार के राष्ट्रपति चुनाव भी दिलचस्प हैं। बाइडन ( Joe Biden) और ट्रंप (Donald Trump) में कांटे की टक्कर के मददेनजर हमने एनआरआई ( Nri news in Hindi) शख्सियत डॉ.जितेंद्रसिंह सोढ़ी ( Jitendrasingh sodhi) से बात की और चुनावी हालात पर उनके विचार जाने। पढ़ेंगे तो जानेंगे कि बाइडन और ट्रंप में से किसका पलड़ा वजनी है।
 
 

Mar 21, 2024 / 11:30 am

M I Zahir

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Latest Nri News in Hindi : एनआरआई शख्सियत डॉ.जितेंद्रसिंह सोढ़ी ( Jitendrasingh sodhi) ने सीधे न्यूयॉर्क से बताया कि मैं पिछले 40 वर्षों से डॉक्टर के रूप में यूएसए में होने के कारण अमरीकी राजनीति अच्छी तरह जानता हूं। अमरीका के राष्ट्रपति चुनाव (American presidential Elections ) में डेमोक्रेटिक पार्टी ( Democratic party) के उम्मीदवार जो बाइडन और रिपब्लिकन पार्टी ( Republican Party ) के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप के बीच जबरदस्त मुकाबला है।

 

 

उन्होंने कहा, मेरा राजनीतिक अनुभव यह कहता है कि ब्लैक और हिस्पैनिक वोट ट्रंप को बाइडेन और व्हाइट्स में जाते हैं। भारतीय इस दौड़ के बीच में हैं। मोदी के अनुयायी रिपब्लिकन और अन्य डेमोक्रेट को वोट देंगे। क्योंकि कमला हैरिस की मां दक्षिण भारत से हैं, लेकिन उन्हें खुद को ब्लैक कहने में मजा आता है। यहां अधिकतर भारतीय कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी में रहते हैं।

डॉ.सोढ़ी ने कहा, पिछली बार ट्रंप की ओर से भारत और चीन पर एच-1 और एल-1 वीजा का अस्थायी प्रतिबंध सिर्फ इस बात का विश्लेषण करने के लिए था कि यह काम अमरीकियों को पहले क्यों नहीं दिया जाता है। क्योंकि उनका मानना है कि कंपनियों को पहले अमरीकी नागरिकों को नौकरी देनी चाहिए और यदि नौकरियां पूरी नहीं होती है तो आप दूसरे देशों के उम्मीदवारों को बुला सकते हैं। दरअसल यह कई दशकों तक चलने वाला कानून है।

उन्होंने कहा, अहम बात यह है कि राजनीतिक लोकतंत्र में आपको जीतने के लिए वोटों की जरूरत होती है और आपको जो काम भी करने की जरूरत होती है, उसके लिए आप अपनी नैतिकता भूल जाते हैं। मतदाता यह बात नहीं भूले हैं कि कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए ट्रंप का प्रयास धीमा रहा। उन्हें कोरोनाकाल में सभी देशों की सभी उड़ानें 2 महीने पहले ही रद्द कर देनी चाहिए थीं। पिछली बार की तरह इस बार भी ट्रंप बाइडन के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार नहीं हैं।

 

 

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