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‘मैं हिंदू हूँ और अपनी नकली पहचान नहीं बनाऊंगा’ – विवेक रामास्वामी

Vivek Ramaswamy On His Hindu Beliefs: अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी से हाल ही में एक मीडिया प्रोग्राम के दौरान एक वोटर ने उनके हिंदू धर्म को लेकर एक सवाल पूछा। विवेक ने भी ईमानदारी से उस सवाल का जवाब दिया।

Dec 15, 2023 / 11:04 am

Tanay Mishra

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Vivek Ramaswamy

अमेरिका (United States Of America) में अगले साल राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार भी रेस में उतर चुके हैं। इनमें विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) का नाम भी शामिल है। विवेक रिपब्लिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं और पिछले कुछ समय में राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले होने वाली कई डिबेट्स में विवेक ने लोगों को प्रभावित भी किया है। विवेक हिंदू धर्म के हैं और इस पर उन्हें गर्व भी हैं। हाल ही में एक मीडिया प्रोग्राम के दौरान एक वोटर ने विवेक से उनके हिंदू धर्म और विचारों के बारे में सवाल पूछा और विवेक ने भी बड़ी ईमानदारी से उस सवाल का जवाब दिया।


वोटर ने विवेक से क्या सवाल पूछा?

आयोवा (Iowa) में एक मीडिया प्रोग्राम में शामिल हुए विवेक से एक वोटर ने सवाल पूछा, “आप उन लोगों से क्या कहना चाहते हो जो यह मानते हैं कि आप हमारे राष्ट्रपति नहीं बन सकते क्योंकि आप का धर्म (हिंदू धर्म) जो हमारे देश की खोज करने वाले लोगों का था (ईसाई धर्म) और जिस पर अमेरिका की नींव डली है?”

विवेक ने ईमानदारी से दिया जवाब

विवेक ने वोटर के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “मैं इस बात से असहमत हूँ। मैं राजनीतिक सांप-सीढ़ी खेलकर जीतने के बजाय सच बोलकर चुनाव हारना पसंद करूंगा। मैं अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने के लिए नकली धर्म परिवर्तन कर सकता हूं पर मैं ऐसा नहीं करूंगा। मैं एक हिंदू हूँ। मैंने ईसाई स्कूल में पढ़ाई की है। मैं आत्मविश्वास के साथ आपको बता सकता हूँ कि हमारे धर्मों के मूल्य एक जैसे ही हैं। मैं आपको अपने धर्म के विश्वास के बारे में बताऊंगा। हिंदू धर्म के प्रति मेरा विश्वास मुझे सिखाता है कि ईश्वर हममें से प्रत्येक को एक उद्देश्य के लिए भेजते हैं और उस उद्देश्य को पूरा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। ईश्वर हमारे माध्यम से विभिन्न तरीकों से कार्य करते हैं लेकिन हम सभी फिर भी समान हैं क्योंकि ईश्वर हम में से प्रत्येक में निवास करते हैं। मेरी परवरिश बहुत ही पारंपरिक तरीके से हुई। मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया कि परिवार जीवन की नींव हैं। विवाह पवित्र हैं। तलाक कोई विकल्प नहीं है। जब चीजें आपके अनुरूप नहीं होती हैं तो आप मेन्यू से बाहर जाना पसंद करते हैं। शादी से पहले संयम एक रास्ता है। व्यभिचार गलत है। जीवन में अच्छी चीजों में त्याग शामिल होता है। क्या वे विदेशी मूल्य हैं? मुझे लगता हैं ईसाई धर्म में भी ये सभी मूल्य हैं। हमें सिखाया जाता है कि अपने माता-पिता का सम्मान करों। किसी की हत्या मत करो। झूठ मत बोलो। किसी को धोखा मत दो। हम लोग (हिंदू और ईसाई) एक जैसे मूल्यों में विशवास करते हैं। हम यह तय नहीं करते कि ईश्वर किसके माध्यम से काम करते हैं। ईश्वर खुद यह तय करते हैं। मुझे सच में ऐसा लगता हैकि ईश्वर हमें एक उद्देश्य से भेजते हैं और मेरे विश्वास ही मुझे इस देश का राष्ट्रपति बनने की राह पर ले जाएंगे।”

https://twitter.com/VivekGRamaswamy/status/1735130690864201868?ref_src=twsrc%5Etfw


ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मैं नहीं हूँ सही विकल्प

विवेक ने आगे बोलते हुए कहा, “क्या मैं ईसाई धर्म के इस देश में प्रचार के लिए सही विकल्प हूँ? नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। पर ऐसा करना एक राष्ट्रपति का काम नहीं है। एक राष्ट्रपति के तौर पर मेरा काम होगा इस देश के लोगों में विश्वास, देशभक्ति, परिवार और कड़े परिश्रम को फिर से लोकप्रिय बनाना है। और इसके साथ ही मैं उन मूल्यों का भी ध्यान रखूंगा जिन पर अमेरिका की नींव डली थी। पर साथ ही सभी लोगों को अपने धर्म में विश्वास करने की आज़ादी भी दी जाएगी।”

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