अमीरों का बढ़ता वर्चस्व खतरनाक
बाइडन की फेयरवेल स्पीच में जिस बात पर उन्होंने सबसे ज़्यादा जोर डाला, वो है देश में अमीरों का बढ़ता वर्चस्व। बाइडन ने कहा कि अमेरिका में अमीरों के एक समूह का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है, जो देश के लिए खतरनाक है। इस बारे में बाइडन ने अमेरिकावासियों को चेतावनी भी दी।
लोकतंत्र को खतरा
बाइडन ने अपनी फेयरवेल स्पीच में कहा कि अमेरिका में अत्यधिक धन, शक्ति और प्रभाव वाला एक तंत्र बन रहा है, जो देश के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है। बाइडन ने कहा कि इस तंत्र के अंतर्गत अमेरिका में कुछ ऐसे लोग जिनके पास बहुत पैसे हैं, सत्ता में अहम भूमिका निभाएंगे और यह काफी खतरनाक हो सकता है।
देश में फैला फेक न्यूज़ का जाल
बाइडन ने अपने भाषण में अमेरिका में फैले फेक न्यूज़ के जाल के बारे में भी चर्चा की। बाइडन ने कहा कि अमेरिका में कुछ लोग फेक न्यूज़ का जाल फैलाकर इसका गलत कामों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, जो जनता के लिए सही नहीं है।
ट्रंप पर साधा निशाना, कानून में बदलाव को बताया ज़रूरी
अपनी फेयरवेल स्पीच में बाइडन ने ट्रंप पर भी निशाना साधा। बाइडन ने कहा कि देश का कानून एक राष्ट्रपति को उसके अपराधों से आज़ादी देता है और ऐसा नहीं छोटा चाहिए। बाइडन ने कहा कि देश में संविधान संशोधन के ज़रिए कानून बदलना ज़रूरी है जिससे किए गए अपराधों की सज़ा भुगतने से राष्ट्रपति भी न बच सके। गौरतलब है कि हश मनी मामले में दोषी होते हुए भी ट्रंप को बिना किसी शर्त के बरी कर दिया गया है।
और क्या बातें कही बाइडन ने?
बाइडन ने अपनी फेयरवेल स्पीच में अन्य बातें भी कही। इनमें सुप्रीम कोर्ट के जजों का कार्यकाल तय करना, सांसदों की स्टॉक ट्रेडिंग पर बैन लगाना, बच्चों के भविष्य की बलि चढाने पर रोक लगाना, नैतिक सुधार लागू करना, क्लाइमेट चेंज की दिशा में अमेरिका के उठाए कदमों को खत्म करने से रोकना जैसी बातें शामिल हैं। इसके साथ ही बाइडन ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के बारे में बातें कही और कहा कि उनकी सरकार कई काम करने में नाकाम रही, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कई काम ऐसे भी किए जिनका असर आने वाले समय में दिखेगा।