बाइडन हैं स्वीडन के नाटो में शामिल होने के लिए बेताब
अमरीकी राष्ट्रपति बाइडन स्वीडन के नाटो में शामिल होने के लिए बेताब हैं। हाल ही में बाइडन ने इस बारे में बात करते हुए अपनी इस इच्छा को जाहिर किया है। ऐसे में बाइडन 11-12 जुलाई को लिथुआनिया (Lithuania) के विल्नियस (Vilnius) शहर में होने वाले नाटो सम्मेलन 2023 में इस बात को उठा सकते हैं।
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स्वीडन के नाटो में शामिल होने की राह में रोड़ास्वीडन के नाटो में अब तक शामिल न होने की वजह है स्वीडन की राह में एक रोड़ा। दरअसल किसी भी नए देश के नाटो का मेंबर बनने के लिए मौजूदा सभी मेंबर्स की सहमति ज़रूरी होती है। तुर्की (Turkey) ही नाटो का एकमात्र ऐसा मेंबर देश है जिसने अभी तक स्वीडन के नाटो में शामिल होने को ग्रीन सिग्नल नहीं दिया है।
तुर्की ने स्वीडन के सामने रखी शर्त
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdoğan) लंबे समय से स्वीडन के नाटो का मेंबर बनने की राह में रोड़ा बने हुए हैं। पर हाल ही में एर्दोगन ने स्वीडन के सामने एक बड़ी शर्त रखी है जिसे पूरा करके स्वीडन को नाटो की मेंबरशिप मिल सकती है। एर्दोगन ने हाल ही में स्वीडन और नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग (Jens Stoltenberg) के सामने शर्त रखी है कि अगर स्वीडन तुर्की के खिलाफ स्वीडन अपने देश में होने वाले कुर्दिस्तानी विरोध को रोकता है, तो तुर्की की तरफ से उसे नाटो में शामिल होने का ग्रीन सिग्नल दे दिया जाएगा।
इस शर्त की वजह है 1978 से तुर्की और कुर्दिस्तानी उग्रवादियों (Kurdish Militants) के बीच चल रहा संघर्ष।