Guantanamo Bay: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों के लिए एक कड़ा कानून लाकर उन पर नकेल कसने के लिए तैयार हो गए हैं। ‘लेकेन रिले एक्ट‘ (Laken Riley Act) को लेकर दुनिया भर में चर्चाएं चल रही हैं, ये वही एक्ट है जो अमेरिकी सरकार को अवैध प्रवासियों (Illegal Immigrants) को गिरफ्तार करने और उन्हें अपने देश वापस भेजने का अधिकार देता है। इस एक्ट को लागू करने के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बड़ा बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अपराधी पाए जाने वाले अवैध प्रवासियों को ‘ग्वांतानामो बे’ में रखा जाएगा। ट्रंप ने कहा था कि हमारी ग्वांतानामो जेल में 30 हजार बिस्तर हैं। यहां पर अमेरिका को धमकाने वाले खतरनाक अवैध प्रवासियों को रखा जा सकता है। ऐसे में अब ये चर्चा जोर पकड़ गई है कि ग्वांतानामो जेल में इन अवैध प्रवासियों को कैद किया जा सकता है।
‘ग्वांतानामो बे’ (Guantanamo Bay) अमेरिका का एक हिरासत केंद्र है। ये अमेरिका की सबसे खतरनाक सैन्य जेल मानी जाती है। यहां बड़े-बड़े कुख्यात आतंकियों को रखा गया है। इस जेल में 9/11 के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (World Trade Center Attack) पर हुए हमले के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद (Khalid Sheikh Mohammed) समेत 15 आतंकी कैद हैं। इस जेल को 9/11 के हमलों के बाद ही तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने जनवरी 2002 में बनवाया था। ये जेल दक्षिण-पूर्वी क्यूबा के तटीय भू-भाग पर स्थित अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर खोली गई थी, जिसे 1903 की संधि के तहत हवाना से पट्टे पर ले लिया गया था। इस जेल में वही लोग रखे जाते हैं, जो अमेरिका से दुश्मनी रखते हैं या अमेरिकी विरोधी गतिविधियां करते हैं।
अब तक 9 कैदियों की इस जेल में मौत
अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस जेल में रहने वाले लोगों को कई अधिकारों से वंचित रखा जाता है। वक्त-वक्त पर इस जेल से कैदियों को गंभीर यातनाएं देने की खबरें आती रही हैं, जिसका कई मानवाधिकार संगठनों ने विरोध किया है। इसके आलोचकों का कहना है कि ये अमेरिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाली कानूनी विसंगति हैं। गंभीर यातना के चलते यहां पर कम से कम 9 कैदियों की मौत हो चुकी हैं, इनमें से 7 लोगों ने यातनाओं से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी।
किस तरह की दी जाती है यातना
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक ग्वांतानामो जेल में बंद रहने वाले कैदियों के साथ भूख हड़ताल करने वालों को जबरन खाना खिलाना शामिल है। इस प्रक्रिया में कैदियों को पकड़कर जबरन उनकी नाक से उनके पेट में एक ट्यूब डाली जाती है, जिससे खराब पेय पदार्थ उन्हें पिलाए जाते थे। इसके अलावा-
1- कैदी के चेहरे पर कपड़ा रखकर उस पर पानी डाला जाता है, जिससे उसे डूबने जैसा एहसास होता है। 2- कैदियों को लगातार कई दिनों तक जागता हुआ रखा जाता है, उन्हें सोने नहीं दिया जाता है।
3- कैदियों को गार्ड्स बुरी तरह पीटते है। 4- कैदियों को घंटों-घंटों तक असहज और दर्दनाक मुद्राओं में बैठने या खड़े रहने के लिए मजबूर किया जाता है। जिससे उनके शरीर में भीषण दर्द हो जाता था।
5- कैदियों को महीनों तक या सालों तक छोटे और अंधेरे कमरे में अकेले रखा जाता है। 6- कैदियों को परेशान करने के लिए बहुत तेज आवाज में म्यूजिक बजाया जाता है। 7- मुसलमान कैदियों के सामने क़ुरान को अपवित्र किया जाता था या उनकी धार्मिक मान्यताओं का अपमान किया जाता था।
8- कैदियों के सारे कपड़े उतरवाकर जबरन नग्न करके अपमानित कर परेड कराई जाती है। 9- कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि महिला अधिकारी पुरुष कैदियों के सामने अनुचित व्यवहार करती थीं। 10- कई कैदियों को काफी दिनों तक भूखा रखा जाता था, उन्हें काफी ठंडे और काफी गर्म जगहों पर रखा जाता था।
11- कैदियों पर भयानक कुत्ते छोड़ दिए जाते थे।
Today I'm also signing an executive order to instruct the Departments of Defense and Homeland Security to begin preparing the 30,000 person migrant facility at Guantanamo Bay. Most people don't even know about it." pic.twitter.com/su3eu24J1Z
ग्वांतानामो बे में इस तरह की यातनाओं पर कई मानवाधिकार संगठनों ने अलोचना की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International), ह्यूमन राइट्स वॉच (Human Rights Watch), और रेड क्रॉस जैसी संस्थाओं ने इन यातनाओं की कड़ी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने भी ग्वांतानामो बे को बंद करने की सिफारिश की है। वहीं हाल के सालों में अमेरिका ने ग्वांतानामो बे में इस तरह की यातनाओं को कम करने का दावा किया है, लेकिन वहां अब भी कैदी बिना मुकदमे के कई सालों तक बंद हैं, जो खुद में एक मानवाधिकार उल्लंघन है।
अवैध प्रवासी भी इसी जेल में बंद
अमेरिका की इस खौफनाक जेल में 2020-23 तक 37 अप्रवासियों को रखा गया था। साल 2002 से ग्वांतानामो में 800 लोगों को बंद किया गया था जिसमें से अब सिर्फ 15 ही बचे हैं। ये सभी आतंकवादी हैं। इसमें से 3 को जल्द ही दूसरी जगह भेजा जा सकता है। यहां पर बंद 11 लोगों को बाइडेन प्रशासन की विदाई के दौरान रिहा किया गया था। ये लोग यमन के थे।