रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) हाल ही में नॉर्थ कोरिया (North Korea) के दो दिवसीय दौरे पर गए थे। किम जोंग उन (Kim Jong Un) के आमंत्रण पर ही पुतिन नॉर्थ कोरिया गए थे। पुतिन और किम अच्छे दोस्त हैं और पिछले साल किम ने भी रूस का दौरा किया था। पुतिन का यह नॉर्थ कोरिया दौरा 24 साल में पहला मौका था जब पुतिन नॉर्थ कोरिया गए थे। इससे पहले पुतिन साल 2000 में नौरत कोरिया गए थे। नॉर्थ कोरिया में पुतिन का जोरदार स्वागत हुआ। पुतिन का यह दौरा काफी अहम था क्योंकि इस दौरे के दौरान उनकी और किम के बीच कई अहम विषयों पर बातचीत हुई। पर एक विषय ऐसा भी रहा जिस पर अमेरिका (United States Of America) के साथ ही दूसरे वेस्ट देशों की भी नज़रें थी। हम बात कर रहे हैं डिफेंस सेक्टर और हथियारों की डील की।
रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच हुई हथियारों की डीलरूस और नॉर्थ कोरिया के बीच हथियारों की डील भी हुई। पुतिन ने यह साफ कर दिया कि वह नॉर्थ कोरिया को लॉन्ग रेंज वाली मिसाइलें देंगे। इतना ही नहीं, पुतिन और किम ने एक-दूसरे से इस बात का वादा भी किया कि दोनों देश एक-दूसरे को ज़रूरत पड़ने पर या हमले की स्थिति में हथियारों की सप्लाई करेंगे।
अमेरिका चिंतितअमेरिका के रूस और नॉर्थ कोरिया दोनों देशों से ही अच्छे संबंध नहीं हैं। ऐसे में रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच हुई हथियारों की इस डील से अमेरिका काफी चिंतित है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच हुई हथियारों की इस डील को चिंता का विषय बताया है।
साउथ कोरिया की शांति के लिए खतरानॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया (South Korea) के बीच भी पुतिन और किम की इस डील से टेंशन बढ़ सकती है। दरअसल साउथ कोरिया और नॉर्थ कोरिया एक-दूसरे के पडोसी देश हैं और दोनों के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं। अमेरिका के साथ ही साउथ कोरिया भी पुतिन और किम के बीच हुई हथियारों की डील से चिंतित है। साउथ कोरिया के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी करते हुए नॉर्थ कोरिया और रूस के बीच हथियारों की इस डील को चिंतनीय बात बताया गया और साथ ही यह भी कहा गया कि इससे साउथ कोरिया की शांति को भी खतरा है।
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